कोलकाता, 31 दिसंब। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साल 2024 का समापन एक खास अंदाज में किया। उन्होंने इस साल के घटनाक्रमों को 12 मिनट 23 सेकंड के एक वीडियो में समेटकर सोशल मीडिया पर साझा किया है। यह वीडियो उनके राजनीतिक और प्रशासनिक प्रयासों का कोलाज है, जो उनके कार्यकाल के 12 महीनों की झलक प्रस्तुत करता है।
साल की शुरुआत गंगा सागर मेले से हुई थी, वहीं अंत हुआ संदेशखाली के प्रशासनिक दौरे से। इस साल ममता ने कई बड़े राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों का सामना किया। जनवरी में ममता ने कोलकाता में साम्प्रदायिक सौहार्द्र की कथित मिसाल पेश करते हुए शांति रैली निकाली। फरवरी में केंद्र सरकार से बकाया धन की मांग करते हुए उन्होंने रेड रोड पर धरना दिया। इसी दौरान उन्होंने राज्य के कोष से मजदूरी भुगतान की घोषणा की और इसे लागू किया। मार्च में तृणमूल कांग्रेस ने ब्रिगेड मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन किया, जहां ममता ने लोकसभा चुनाव के लिए सभी 42 उम्मीदवारों की घोषणा की। चुनाव प्रचार के लिए उन्होंने अप्रैल और मई में पूरे राज्य का दौरा किया।
लोकसभा चुनाव और तृणमूल की सफलता
चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए। भाजपा को हराते हुए तृणमूल कांग्रेस ने 22 से बढ़कर 29 सीटों पर अपनी स्थिति मजबूत की। यहां तक कि भाजपा का गढ़ माने जाने वाले उत्तर बंगाल में भी तृणमूल ने कूचबिहार सीट पर जीत दर्ज की।
आर.जी. कर अस्पताल आंदोलन
अगस्त में आरजी कर अस्पताल की एक दर्दनाक घटना ने राज्य को हिला दिया। एक डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने आंदोलन छेड़ दिया। इस आंदोलन ने प्रशासन को झकझोर दिया और मुख्यमंत्री ममता स्वास्थ्य भवन के सामने प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचीं।
सितंबर से लेकर नवंबर तक इस आंदोलन ने जोर पकड़े रखा। इस दौरान पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में बाढ़ और चक्रवात ‘डेन’ ने तबाही मचाई। इन प्राकृतिक आपदाओं के बीच ममता ने राहत कार्यों की निगरानी की। नवंबर में हुए उपचुनावों में तृणमूल ने बड़ी जीत हासिल की।
दिसंबर में कोलकाता फिल्म फेस्टिवल और क्रिसमस समारोह ने राज्य में उत्सव का माहौल बनाया। साल के अंतिम दिनों में ममता ने संदेशखाली का दौरा किया।
नए साल की तैयारियां
2025 की शुरुआत ममता प्रशासनिक सख्ती के साथ कर रही हैं। दो जनवरी को वह नवान्न में राज्य के जिला, अनुमंडल और ब्लॉक अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी। इसके पहले, एक जनवरी को तृणमूल कांग्रेस अपना स्थापना दिवस मनाएगी। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के चलते राष्ट्रीय शोक जारी है, इसलिए पार्टी का कार्यक्रम राष्ट्रीय ध्वज फहराए बिना ही आयोजित होगा।