कोलकाता, 18 फरवरी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को विधानसभा में भाजपा विधायकों द्वारा लगाए गए उस आरोप को सख्ती से खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उनके बांग्लादेश के आतंकवादियों और कट्टरपंथियों से संबंध हैं। ममता ने चुनौती दी कि अगर भाजपा इस आरोप को साबित कर दे, तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी।

विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान ममता बनर्जी ने भाजपा विधायकों पर “बेबुनियाद और घृणास्पद आरोप” लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगी और भाजपा की इस राजनीति पर शिकायत करेंगी।

ममता ने कहा, “अभिव्यक्ति की आज़ादी का मतलब यह नहीं है कि किसी को घृणास्पद भाषण देने और समाज को बांटने की छूट मिल जाए।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि वह धर्मनिरपेक्षता और सभी समुदायों के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करती हैं।

ममता बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह धर्म का उपयोग केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कर रही है। उन्होंने बांग्लादेश में हाल के तनावपूर्ण हालात का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार की कोशिशों के कारण पश्चिम बंगाल में शांति बनी रही।

ममता ने उन आरोपों की निंदा की, जिसमें उन्हें मुस्लिम लीग से जोड़ा गया। उन्होंने कहा, “यह बेहद निंदनीय है कि मुझे मुस्लिम लीग का सदस्य बताया जा रहा है।”

उन्होंने भाजपा के इस दावे पर भी पलटवार किया कि पार्टी के विधायकों को विधानसभा में बोलने नहीं दिया जाता। ममता ने कहा, “सच्चाई यह है कि भाजपा के विधायक मुझसे बहस करने से डरते हैं, इसलिए जब भी मैं बोलती हूं, वे सदन का बहिष्कार कर देते हैं।”

ममता बनर्जी ने अपने संबोधन के अंत में दोहराया कि वह धर्मनिरपेक्षता, सभी समुदायों के विकास और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।