मालदह, 3 दिसंबर । पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया का प्राथमिक चरण 11 दिसंबर को समाप्त होने वाला है और 16 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी।
इससे पहले ही राज्य सरकार ने उन मतदाताओं की मदद करने के लिए ब्लॉक-स्तर पर सहायता शिविर आयोजित करने का फैसला किया है जिनके नाम सूची से हटने की आशंका है। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को मालदह जिले के गाजोल में आयोजित जनसभा से की।
ममता बनर्जी ने कहा,
“12 दिसंबर से हर ब्लॉक में ‘मे आई हेल्प यू’ कैम्प होगा। जिनके प्रमाणपत्र या कागजात की ज़रूरत, वे वहां जाकर ले सकेंगे।”
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे इस प्रक्रिया में पूरी ताकत के साथ जुटें और लोगों की मदद करें।
खसरा सूची से संभावित हटने वालों की पहचान पहले ही तैयार
शासन और संगठन से जुड़े सूत्रों के अनुसार, एक परामर्शदाता संस्थान द्वारा की गई सर्वे रिपोर्ट के आधार पर यह जानकारी पार्टी के पास है कि किन लोगों के नाम ड्राफ्ट सूची से हट सकते हैं।
नाम वापस जोड़ने के लिए किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता है, इसकी तैयारी भी संगठन पहले से ही कर चुका है। अब इसी कार्य में प्रशासन का सहयोग जुटाने के लिए 12 दिसंबर से सरकारी स्तर पर शिविर शुरू किए जाएंगे।
मालदह, जो एक अल्पसंख्यक बहुल जिला है, वहां से ममता बनर्जी ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य में किसी भी हालत में डिटेंशन कैंप बनने नहीं दिए जाएंगे। गुरुवार को उनका अगला कार्यक्रम मुर्शिदाबाद में है।
ममता ने आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया में लोगों को परेशान करने का निर्देश केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिया है। उसी दौरान उन्होंने भाजपा को कटाक्ष करते हुए “छारपोका (खटमल)” कहकर निशाना साधा और कहा, “इन छारपोकों को लोकतांत्रिक तरीके से हराना होगा।”





