कोलकाता, 07 अप्रैल । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में नौकरी गंवाने के खतरे का सामना कर रहे कर्मियों को भरोसा दिलाया कि किसी की भी नौकरी नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट से पहले इस मामले में स्पष्टता मांगेगी। यदि वहां से भी नकारात्मक जवाब आता है, तो सरकार योग्य उम्मीदवारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट से यह स्पष्ट करना चाहेगी कि जो शिक्षक पहले से स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, उनके भविष्य को लेकर अदालत का क्या रुख है। ममता ने सवाल किया, “अगर सभी को हटा दिया गया तो स्कूल कौन चलाएगा? बाकी जिम्मेदारियां कौन निभाएगा?” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कानून का पालन करते हुए योग्य कर्मियों की नौकरी सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

नौकरी गंवाने की आशंका से जूझ रहे कर्मियों से ममता ने अपील की कि जब तक उन्हें बर्खास्तगी का आधिकारिक नोटिस नहीं मिलता, तब तक वे स्कूलों में जाकर स्वैच्छिक रूप से सेवाएं देते रहें। उन्होंने कहा कि क्या आप लोगों को बर्खास्तगी का नोटिस मिला है? नहीं मिला है तो पढ़ाना जारी रखिए। स्वेच्छा से शिक्षा सेवा दीजिए।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि पहले योग्य कर्मियों का मामला सुलझाया जाएगा। अयोग्य घोषित किए गए लोगों के विषय में बाद में अलग से जानकारी इकट्ठा कर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिसे अयोग्य कहा गया है, उसके खिलाफ क्या प्रमाण हैं, कौन जांच कर रहा है, यह देखा जाएगा। अगर सही में कोई अयोग्य साबित होता है, तो फिर कानून के अनुसार कार्यवाही होगी। लेकिन जब तक सबकुछ स्पष्ट नहीं होता, तब तक घबराने की जरूरत नहीं है।

ममता ने वादा किया कि यदि जरूरत पड़ी तो दो महीने के भीतर योग्य उम्मीदवारों के लिए वैकल्पिक योजना तैयार कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि योग्य किसी भी हाल में बेरोजगार नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट अगर योग्य और अयोग्य की सूची हमें सौंपे और उचित व्याख्या करे तो राज्य सरकार मानवता के आधार पर कदम उठाएगी। किसी को भी शिक्षा व्यवस्था बिगाड़ने का अधिकार नहीं है।