कोलकाता, 28 मार्च । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ब्रिटेन दौरे के दौरान भारत के 2060 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की भविष्यवाणी से असहमति जताई है। उनके इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी और आरोप लगाया कि उन्होंने विदेशी धरती पर भारत की छवि धूमिल करने का काम किया है।

ममता बनर्जी ने यह टिप्पणी गुरुवार को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के केलॉग कॉलेज में एक संवाद के दौरान की। बातचीत के दौरान जब उनसे कहा गया कि भारत पहले ही ब्रिटेन को पछाड़ कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचने वाला है, साथ ही 2060 तक शीर्ष स्थान पर काबिज होने की भविष्यवाणी की जा रही है, तो उन्होंने इसे खारिज कर दिया।

ममता बनर्जी ने इस भविष्यवाणी से असहमति जताते हुए कहा, “मैं इससे सहमत नहीं हूं। कई ऐसे विषय हैं जिन पर मैं यहां खुलकर नहीं बोल सकती… आंतरिक और बाहरी मामलों को लेकर कुछ चीजें हैं, जिन्हें मैं उजागर नहीं कर सकती। मेरी इस पर कुछ अलग राय है।”

उन्होंने आगे कहा, “कोविड-19 के बाद हर देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और मौजूदा वैश्विक उथल-पुथल की स्थिति में अगर आर्थिक युद्ध जैसी परिस्थिति बनी हुई है, तो हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि हम आगे बढ़ेंगे? हमें आशा जरूर रखनी चाहिए, यह हमारा सपना है कि हमारा देश शीर्ष पर पहुंचे लेकिन यह कई कारकों पर निर्भर करता है।”

भाजपा ने लगाया ‘भारत विरोधी’ बयानबाजी का आरोप

ममता बनर्जी के इस बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने विदेशी धरती पर भारत की उपलब्धियों को कमतर आंकने की कोशिश की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने इसे मुख्यमंत्री पद का “अपमान” करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “ब्रिटेन को पछाड़कर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जो हर भारतीय के लिए गर्व की बात है! लेकिन ममता बनर्जी विदेश में भारत की छवि खराब कर रही हैं। उनका यह भारत-विरोधी रवैया न केवल शर्मनाक है बल्कि उस संवैधानिक पद का भी अपमान है, जिसे वह संभालती हैं।”

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी बनर्जी के बयान की आलोचना करते हुए उनकी टिप्पणी का वीडियो साझा किया। उन्होंने लिखा, “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भारत के दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से समस्या है। यह वाकई शर्मनाक है। संवैधानिक पद पर रहते हुए इस तरह का व्यवहार कौन करता है?”