
कोलकाता, 08 दिसंबर । इंडिगो की उड़ान सेवाओं में लगातार हो रही गड़बड़ी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर कड़ी नाराजगी जताई। सोमवार को कूचबिहार जाने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर उन्होंने कहा कि केंद्र ने बिना किसी योजना के एफडीटीएल (उड़ान ड्यूटी समय सीमाएं) नामक नीति लागू कर दी, जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
ममता बनर्जी ने कहा कि पायलट और क्रू को विश्राम की जरूरत होती है, यह बात वह भी मानती हैं, लेकिन किसी भी नई नीति को लागू करने से पहले उचित योजना जरूरी होती है। उनके अनुसार पिछले कई दिनों में यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा है और सरकार का यह कदम बिना तैयारी का था। उन्होंने केंद्र से अपील की कि किसी भी नीति को लागू करने से पहले पूरी योजना बनाई जाए, जरूरत पड़ने पर विकल्प तैयार हों और यात्रियों को उसका लाभ मिल सके।
केंद्र पर और तीखा हमला करते हुए ममता ने कहा कि सरकार केवल चुनाव के बारे में सोचती है, लोगों की सुविधाओं पर ध्यान नहीं देती। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यात्रियों को हुई परेशानी का मुआवजा केंद्र को देना होगा और यदि जरूरत पड़े तो यात्री अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं।
इंडिगो उड़ान सेवाएं पिछले 7 दिनों से प्रभावित हैं। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन की अनेक उड़ानें रद्द होने से लाखों यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। विमानन नियामक डीजीसीए द्वारा लागू किए गए एफडीटीएल नियमों को इस बाधा के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। यह नियम दो चरणों में लागू किया गया, जिनमें दूसरा चरण नवंबर में लागू हुआ था।
एफडीटीएल नियमों में पायलट और कर्मचारियों के विश्राम समय को निर्धारित किया गया था। कई निर्देशों के कारण इंडिगो की सेवाएं प्रभावित हुईं जिसके बाद डीजीसीए ने तत्काल प्रभाव से इस नियम की एक महत्वपूर्ण शर्त वापस ले ली। पहले पायलटों को हर सप्ताह 48 घंटे के अनिवार्य विश्राम का प्रावधान था लेकिन इंडिगो संकट के बाद इसे संशोधित किया गया और पायलटों की छुट्टियों को उसी 48 घंटे के भीतर समायोजित किया गया। इसके साथ ही रात से जुड़े प्रावधानों में भी ढील दी गई ताकि उड़ानों का संचालन सामान्य किया जा सके।——————–







