कोलकाता, 15 अप्रैल  । पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून को लेकर हुई हिंसा पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) ने गंभीर चिंता जताई है। पार्टी ने मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की है और कहा है कि सच्चाई सामने लाने के लिए स्वतंत्र जांच जरूरी है।

पार्टी के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कोलकाता स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में पुलिस की निष्क्रियता के आरोप सामने आए हैं। तीन लोगों की जान चली गई, लेकिन पुलिस हालात पर काबू नहीं पा सकी। हम मांग करते हैं कि हाई कोर्ट के एक मौजूदा न्यायाधीश द्वारा इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए।”

सलीम ने यह भी बताया कि उन्होंने मंगलवार को वक्फ (संशोधन) कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की है। उन्होंने कहा, “यह मुद्दा दो धर्मों के बीच का नहीं है, बल्कि यह मुसलमानों के मूलभूत अधिकारों से जुड़ा है, जिन्हें इस कानून के जरिए छीना जा रहा है।”

सीपीआई(एम) नेता ने यह दावा भी किया कि हिंसा में मारे गए हरगोबिंद दास और उनके बेटे पूर्व में पार्टी के सदस्य रह चुके हैं, हालांकि उम्रदराज होने के कारण उन्होंने सक्रिय सदस्यता छोड़ दी थी।

उन्होंने केंद्र और राज्य की सत्ताधारी पार्टियों — भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस — पर आरोप लगाया कि वे धार्मिक ध्रुवीकरण के जरिए समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। सलीम ने कहा, “यह दोनों दल समाज को बांटकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं।”