
कोलकाता, 31 जुलाई । भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य मथुरा में हुआ और जन्मोत्सव गोकुल में हुआ। आनंद में विभोर नंद बाबा और यशोदा ने लोगों में खूब धन लुटाया लगता था कि वहां लक्ष्मी नृत्य कर रही है।भगवान ने आपको धन दिया है तो कभी जीवन में उत्सव का अवसर आए तो खूब लुटाना चाहिए।
उत्सव मनाते समय चार प्रकार से काम करना चाहिए-‘ भगवान की आराधना ,धार्मिक अनुष्ठान, समाजसेवा और बंधु-बान्धव को भोजन कराना।
गोकुल में नंदोत्सव खूब मनाया गया।नंदोत्सव के 18श्लोक का पाठ करने से श्रीमद्भागवत के पाठ करने जैसा फल मिलता है।इसका पाठ करने से श्रीकृष्ण और राधारानी प्रसन्न होते हैं।भगवान श्रीकृष्ण की लीला में प्रवेश के लिए जरूरी है अविद्या रूपी पूतना को नष्ट करना पड़ेगा। यह भगवान कृष्ण की कृपा और करुणा थी कि जो पूतना को मारने आई थी उसका उद्धार कर दिया क्योंकि वह मां बनकर आई थी।जो पूतना का उद्धार कर सकता है क्या वह आपका उद्धार नहीं कर सकता?इसलिए मन लगे भगवान श्रीकृष्ण का भजन करो ,न लगे तो भी करो एक दिन उनका दर्शन हो जाएगा।भगवान से प्रेम करो ,जुड़ो, जरूरत पड़े तो उनसे झगड़ा करो।जीवन की सारी वृत्तियां कृष्ण से जोड़ लो।भगवान कृष्ण गोपियों की मक्खन की चोरी करते हैं क्योंकि वह गोपियों के प्रेम के भूखे है न कि मक्खन के।गोपियां कृष्ण के बिना नहीं रह सकती तो कृष्ण भी गोपियों के बिना।मेरे गुरुजी स्वामी अखंडानंद सरस्वती महाराज कहते थे ,तुम भी अपना हृदय मक्खन जैसा कोमल, मीठा बना लो तुम्हारा मक्खन भी कृष्ण चुरा लेंगे,तुम्हारा जीवन धन्य हो जाएगा।जीवन में कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। इन्द्र का अंहकार दूर करने श्रीकृष्ण गोकुल के लोगों से गोवर्द्धन पूजा करवाते है।
ये बातें सीताराम-श्याम सुंदर लोहिया परिवार के तत्वावधान में श्रीमद्भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए स्वामी गिरिशानंद महाराज ने सफ्फायर सभागार में कही।कथा के मुख्य यजमान मायादेवी-वओमप्रकाश लोहिया ने व्यासपीठ पूजन किया।कार्यक्रम का संचालन राम कथावाचक पुरुषोत्तम तिवारी ने किया।इस अवसर पर दर्शन केसरी स्वामी मुक्तानंद महाराज, मुरारीलाल मंजू-अरविन्द नेवर , संगीता-विनोद माहेश्वरी,सावित्री लोहिया, शकुंतला दीवान, वर्षा अग्रवाल, बबीता दीवान,प्रभात पंसारी, सज्जन सिंघानिया,राजू चौधरी ,दुर्गा प्रसाद अग्रवाल, राम अवतार केडिया,संदीप अग्रवाल, राजेन्द्र प्रसाद बियानी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।