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नई दिल्ली, 3 दिसंबर । रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को पुणे-नासिक रेल लाइन के वैकल्पिक अलाइनमेंट पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि वैज्ञानिक संस्थानों की तकनीकी आपत्तियों के बाद इस परियोजना के लिए नया मार्ग चुना गया है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक प्रस्तावित अलाइनमेंट नारायणगांव से होकर गुजरता था, जहां जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी) स्थित है। यह अंतरराष्ट्रीय महत्व की ऑब्जर्वेटरी है, जिसे 31 देश उपयोग करते हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा कि इसके निकट से रेलवे लाइन गुजरने से वैज्ञानिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसी आधार पर राज्य सरकार और जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर वैकल्पिक अलाइनमेंट पर सहमति बनी।

लोकसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान रेल मंत्री ने बताया कि नए अलाइनमेंट पर कई महत्वपूर्ण कार्य पूरे हो चुके हैं। नासिक से साईनगर शिर्डी खंड की डबल लाइन का डीपीआर तैयार हो चुका है। साईनगर शिर्डी से पुणतांबा तक की डबलिंग को 240 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी जा चुकी है। पुणतांबा से निंबलक तक 80 किलोमीटर डबलिंग पूरी हो चुकी है, जबकि निंबलक से अहिल्यानगर के बीच 6 किलोमीटर हिस्से में डबलिंग का कार्य जारी है। इसके अलावा अहिल्यानगर से पुणे तक 133 किलोमीटर नई डबल लाइन, जिसमें चाकन और चाकन औद्योगिक एस्टेट भी शामिल हैं, उसका डीपीआर 8,970 करोड़ रुपये की लागत से तैयार कर लिया गया है।

उन्होंने कहा कि नए अलाइनमेंट में यात्रा समय का अंतर बहुत कम है लेकिन इसके माध्यम से एक प्रमुख सांस्कृतिक एवं धार्मिक स्थल साईनगर शिर्डी को नासिक से सीधी कनेक्टिविटी मिल जाएगी, जो नए रूट को और भी लाभकारी बनाता है। रेल मंत्री ने कहा कि सांसद द्वारा बताए गए किसी भी अतिरिक्त सुझाव या रिपोर्ट का वे अध्ययन करेंगे।

सदन में उठे आईआरसीटीसी के एक स्टेशन परिवर्तन से जुड़े मुद्दे पर भी रेल मंत्री ने कहा कि वे स्वयं इसकी जांच कराएंगे और आवश्यक कार्रवाई के बाद संबंधित जानकारी सांसद को उपलब्ध कराई जाएगी।