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दो दिवसीय वाराणसी प्रवास में मुख्यमंत्री फडणवीस मराठी समाज के लोगों से भी मिले
वाराणसी, 15 फरवरी। प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने के बाद शुक्रवार देर शाम वाराणसी पहुंचे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने परिवार के साथ बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। बाबा विश्वनाथ के दरबार में पत्नी अमृता, बेटी दिविजा और परिवार के अन्य लोगों के साथ फडणवीस ने विधि-विधान से दर्शन पूजन किया। मंदिर परिसर में ही उन्होंने रुद्राभिषेक भी कराया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने वाराणसी में मराठी समाज के लोगों से भी मुलाकात की।
इसके पहले मुख्यमंत्री ने नमोघाट से लक्जरी क्रूज पर सवार गंगाघाटों के नैसर्गिक सौन्दर्य को निहारा। गंगा में नौकायन के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस साथ चल रहे गाइड और भाजपा के स्थानीय नेताओं से सभी 84 घाटों के इतिहास के बारे में भी जानकारी लेते रहे और अपने परिजनों को बताते रहे। क्रूज पर सवारी के दौरान उन्होंने कुल्हण में परिवार के साथ चाय भी पी। इस दौरान उन्होंने वाराणसी में विकास कार्यों को देख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर सराहना की। गंगा में नौकायन के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ललिताघाट से बाबा विश्वनाथ के दरबार में पहुंचे।
फडणवीस ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद पत्रकारों से भी खुलकर बातचीत की। उन्होंने काशी में हुए विकास कार्यों की तारीफ कर कहा कि नमो घाट पर भारत की प्राचीन एवं महान संस्कृति की भव्यता को साफ देखा जा सकता है। काशी हर दिन बदल रही है और अपनी पुरातन संस्कृति को सहेजे हुए है। महाकुंभ को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोपों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने पलटवार कर उन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अखिलेश के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाएं दिव्य और भव्य हैं, जो देश-दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। इसके बाद भी अखिलेश सवाल कर रहे है। कुछ लोग जिंदगी भर आरोप लगाते रहते हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जिक्र कर कहा कि जिन्होंने कर्म किया और पुरुषार्थ कर दिखाया, उन पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने जो काम कर दिखाया है। अब तक महाकुंभ में 50 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। दुनिया में यह एक रिकॉर्ड बना है। ऐसे आरोपाें को कोई याद नहीं रखता है। महाकुंभ में आस्था का महासैलाब देखने को मिल रहा है, जो भारत की एकता का प्रतीक है। कुंभ में कोई जाति, भाषा, प्रांत नहीं पूछता।
इसके पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के वाराणसी आगमन पर पिंडरा विधायक डॉ अवधेश सिंह और भाजपा के वरिष्ठ नेता कृपाशंकर सिंह के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने वाराणसी में मराठी समाज के लोगों से भी मुलाकात की।
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