पूर्वी सिंहभूम, 24 अक्टूबर । शहर में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज हुआ जब पहली बार किन्नर अखाड़ा के तत्वावधान में भव्य धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह आयोजन बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन सभागार में हुआ, जहां देशभर से किन्नर समाज के प्रतिनिधियों, प्रबुद्धजनों और श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर डॉ लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी थीं, जिनके आगमन पर सभागार जयघोष से गूंज उठा।

कार्यक्रम से पहले महामंडलेश्वर डॉ त्रिपाठी ने बिष्टुपुर स्थित मंदिर में पूजा-अर्चना कर देश और राज्य में सुख-शांति की कामना की। इसके बाद भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जो बिष्टुपुर मेन रोड, गोलमुरी, साकची और अन्य प्रमुख मार्गों से गुजरती हुई सभागार तक पहुंची।

शोभायात्रा में पारंपरिक संगीत, झांकी और ध्वज यात्रा के साथ किन्नर समाज के सदस्य आकर्षण का केंद्र बने रहे।

सभा को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर डॉ लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा कि इस धर्म सम्मेलन का उद्देश्य समाज में लिंग आधारित भेदभाव को समाप्त करना और सनातन धर्म के मूल भाव प्रेम, समानता और आध्यात्मिकता को लोगों तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति की आत्मा उसकी समरसता और विविधता में निहित है। यह धर्म किसी भेदभाव को नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को सम्मान देने का संदेश देता है।

महामंडलेश्वर ने कहा कि आज आवश्यकता है कि समाज किन्नर समुदाय को केवल एक वर्ग के रूप में नहीं, बल्कि मानवता के अंग के रूप में स्वीकार करे। उन्होंने इस अवसर पर इच्छा जताई कि जमशेदपुर में अर्धनारीश्वर और मां भगवती का भव्य मंदिर और किन्नर आश्रम की स्थापना हो, जिससे समानता, अध्यात्म और प्रेम का संदेश पूरे देश में प्रसारित हो सके।

धर्म सम्मेलन के दौरान श्रद्धालुओं ने भजन-संध्या, आरती और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया। पूरे सभागार में आध्यात्मिक ऊर्जा और भावनात्मक एकता का अद्भुत वातावरण देखने को मिला। कार्यक्रम का संचालन अखाड़ा प्रतिनिधि मंजुला मां ने किया।