
इंदौर, 12 मार्च । भोपाल गैस त्रासदी 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड में डम्प पड़े रासायनिक कचरे (अपशिष्ट) का निष्पादन पीथमपुर में किया जा रहा है। धार जिले के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के अपशिष्ट दहन का तीसरा ट्रायल रन बुधवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। यहां रामकी इनवायरो में स्थित इंसीनेटर में 900 डिग्री से अधिक तापमान पर इस जहरीले कचरे को जलाया गया।
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर श्रीनिवास द्विवेदी ने बताया कि यह ट्रायल मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशानुसार किया गया। तीसरे ट्रायल रन की शुरुआत 10 मार्च को शाम 7:41 बजे हुई थी, जिसमें यूनियन कार्बाइड के अपशिष्ट का 270 किलो प्रति घंटे की दर से दहन किया गया। बुधवार को इस ट्रायल रन में लगभग 37 घंटे का समय लगा और कुल 10 टन कचरा जलाया गया। तीसरा ट्रायल रन अब तक का सबसे तेज और सफल साबित हुआ।
उन्होंने बताया कि दहन के दौरान चिमनी से होने वाले उत्सर्जन की मॉनिटरिंग ऑनलाइन कन्टीन्युअस इमीशन मॉनिटरींग सिस्टम (OCEMS) से की जा रही है, जो निर्धारित मानकों के भीतर है। ग्राम-तारपुरा, चीराखान एवं बजरंगपुरा में परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन में परिवेशीय वायु गुणवत्ता निर्धारित मानक के भीतर पाई गई है। कचरा जलाने के साथ ही चिमनी से निकलने वाले धुएं व कण की निगरानी व मॉनिटरिंग मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 20 अधिकारी-कर्मचारियों ने किया।
इससे पहले दो ट्रायल रन और हो चुके हैं। पहला ट्रायल रन 28 फरवरी से तीन मार्च तक हुआ था, जिसमें 10 टन कचरा 135 किलो प्रति घंटे की दर से जलाया गया था। इसके बाद छह से नौ मार्च तक दूसरे ट्रायल रन में भी 180 किलो प्रति घंटे की दर से 10 टन जहरीले कचरे का दहन किया गया। तीसरा ट्रायल रन 10 मार्च से 12 मार्च तक 10 टन जहरीले कचरे का दहन 270 किलो प्रति घंटे की दर से किया गया। इसके बाद तीनों ट्रायल रन की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी। इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए कंपनी और आसपास के गांवों में विशेष संयंत्र लगाए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरण मानकों के अनुरूप कचरे का निस्तारण किया गया और यह पूरी प्रक्रिया सुरक्षित पाई गई।