
मुरैना, 17 जून । कूनो अभ्यारण्य से 75 किलोमीटर की दूरी तय कर दो दिन पूर्व मुरैना के जौरा पगारा बांध पर ट्रैक हुए चीता दल को मंगलवार सुबह ट्रेकुलाइज किया गया। सभी 5 चीता को अलग-अलग पिंजरों में कूनो अभ्यारण्य के लिये ले जाया गया है। जहां बड़े बाड़े में इन्हें रखा जायेगा। इस प्रक्रिया में कूनो अभ्यारण्य से आये चिकित्सक दल, चीता मित्र एवं अभ्यारण्य के अधिकारियों ने लगभग 8 घंटे तक कड़ी मशक्कत की।
सुबह 6 बजे आरंभ हुई कार्यवाही चीता को पिंजरे में कूनो के लिये रवाना होने में पगारा बांध से दोपहर 2 बजे गये। इन सभी चीता की लोकेशन के लिये ट्रेकिंग दल लगातार पीछा कर रहा था। पगारा बांध के नजदीक सभी चीता जंगल में भ्रमण करने के बाद दो दिन से एक ही स्थान पर डेरा जमाये हुये थे। सभी 5 चीता के बांध के नजदीक होने से ग्रामीण, पर्यटक तथा भ्रमण के लिये सुबह जाने वाले लोगों में भय उत्पन्न हो गया था। वहीं चीता गामिनी अपने परिवार सहित कूनो अभ्यारण्य से लम्बे समय तक बाहर भ्रमण कर रही थी।
वहीं, इस संबंध में कूनो अभ्यारण्य के साथ-साथ सामान्य वन मण्डल के अधिकारी, कर्मचारी कुछ भी बताने से इन्कार कर रहे हैं।
जिला की जौरा तहसील मुख्यालय से मात्र 6-8 किलोमीटर की दूरी पर 5 चीता के दल को देखकर भ्रमण करने वाले लोग भयभीत तो हुये, लेकिन वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। यह चीता दल रविवार सुबह 6 बजे पगारा कोठी पर सड़क पार कर रहा था। स्वयं की सुरक्षा के साथ मादा चीता ने नेतृत्व करते हुये अपने चार शावकों को सड़क पार कराई। जंगल के ग्रामीणों अनुसार विगत गर्मियों के मौसम में भी चीता जौरा रेंज के नरहेला में आए थे। उस समय भी इन्हें ट्रेकुलाइज कर कूनो ले जाया गया था। इस बार भी गर्मी के मौसम में भी चीता परिवार सहित पगारा बांध की ओर आ गया। रविवार की दोपहर इस चीता दल ने बकरियों का शिकार किया था।
पगारा कोठी के नजदीक ही चीता दल द्वारा अपना ठिकाना बना लिया। कूनो अभ्यारण्य के ट्रेकिंग दल द्वारा इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी। उसे लेकर इस चीता दल को ट्रेकुलाइज कर कूनो अभ्यारण्य वापस लाने की योजना बनाई।
गत सोमवार को भी चीता दल ने दो बकरियों का शिकार किया था। कूनो अभ्यारण्य का एक बड़ा दल लगभग दो दर्जन वाहनों के साथ पगारा कोठी के पास पहुंचा। इसका नेतृत्व कूनो अभ्यारण्य सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा स्वयं कर रहे थे। इस अवसर पर ग्वालियर चम्बल सीसीएफ श्री सेंगर, कूनो अभ्यारण्य वन मण्डल अधिकारी आर थिरूकुरल श्योपुर सहित कूनो अभ्यारण्य तथा मुरैना जिले के सामान्य वन मण्डल के सभी अधिकारी मौके पर उपस्थित थे।
कूनो के चिकित्सक दल द्वारा चीता की स्थिति को देखकर सुबह 6 बजे ट्रेकुलाइज करने की प्रक्रिया आरंभ की। सभी 5 चीताें को अलग-अलग ट्रेकुलाइज कर उन्हें अलग-अलग पिंजरों में रखा गया। इसके बाद कूनो की ओर रवानगी सुनिश्चित की गई। चीता की पहचान व उसके संबंध में कूनो अभ्यारण्य के अधिकारियों से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनकी तरफ से कोई जबाव नहीं दिया गया।