भोपाल, 12 मार्च। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में मंगलवार को फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीया के अवसर पर भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत से कर पूजन किया गया। इसके बाद बाबा महाकाल को चांदी का मुकुट और रुद्राक्ष और पुष्पों की माला धारण करवाई गई। वहीं, प्रसिद्ध अभिनेता गोविंदा मंगलवार को उज्जैन पहुंचे और भगवान महाकाल के दर्शन किए। उन्होंने पूजा-अर्चना और अभिषेक कर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया।

परम्परा के मुताबिक मंगलवार को प्रातः चार बजे महाकालेश्वर मंदिर के पट खुलते ही पण्डे-पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत से कर पूजन-अर्चन किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल का चांदी से श्रृंगार किया गया। इस दौरान भगवान को बिलपत्र, मुंडों की माला, रुद्राक्ष, मुकुट हो या सर्प सब कुछ सोने नहीं चांदी का अर्पित कर पूजन किया गया और मिष्ठान का भोग भी लगाया गया। श्रृंगार के बाद बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांक कर भस्मी रमाई गई। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

महानिर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।

महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित यश गुरु ने बताया कि फिल्म अभिनेता गोविंद मंगलवार दोपहर महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने सबसे पहले चांदी द्वार से भगवान महाकाल का महामृत्युंजय मंत्र के साथ पूजन अर्चन कर जलाभिषेक किया और उसके बाद चांदी द्वार पर माथा टेककर भगवान का आशीर्वाद लिया। पूजन-अर्चन के बाद गोविंदा नंदी हॉल में पहुंचे, जहां उन्होंने नंदी जी के कानों में अपनी मनोकामना कहीं। इस दौरान गोविंदा को अपने बीच देखकर कई श्रद्धालु मंदिर परिसर में उनसे मिलने पहुंचे, जिनके साथ गोविंदा ने सेल्फी खिंचवाई और ऑटोग्राफ भी दिए।