
नई दिल्ली, 12 अगस्त । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा पर महाभियोग चलाने संबंधी प्रस्ताव को सदन में स्वीकार करने के साथ इसकी जांच के लिए आज एक तीन सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की।
लोकसभा में दोपहर में आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद श्री बिरला ने सदन को सूचित किया कि उन्हें 21 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी के श्री रविशंकर प्रसाद एवं सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के 146 सांसदों द्वारा एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है जिसमें भारत के राष्ट्रपति को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा को उनके पद से हटाने के लिए एक समावेदन किया गया है। यह प्रस्ताव भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(4), 217 और 218 के तहत पेश किया गया है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस प्रस्ताव में यह उल्लेख किया गया है कि न्यायमूर्ति वर्मा की छवि पर गंभीर आरोप हैं और इस कारण से उन पर जांच की आवश्यकता है। न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, 1968 की धारा 3 की उप धारा 2 के तहत एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति इस मामले की जांच करेगी। समिति में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश अरविंद कुमार, मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता बी.वी. आचार्य शामिल हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इस प्रस्ताव पर अगले कदम उठाने से पहले समिति की रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा।