कोलकाता, 28 जून। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में इस महीने की शुरुआत में कंचनजंघा एक्सप्रेस से टकराने वाली मालगाड़ी के सहायक लोको पायलट मनु कुमार को आगे के इलाज के लिए असम स्थानांतरित कर दिया गया है।
मनु कुमार का सिलीगुड़ी के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज चल रहा था। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कुमार को गुवाहाटी के पास मालीगांव में स्थानांतरित करने की पुष्टि की है, जो पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) का मुख्यालय है। हालांकि रेलवे अधिकारी इस बात पर चुप्पी साधे हुए हैं कि उन्हें कब स्थानांतरित किया गया। एनएफआर के कटिहार डिवीजन के डिवीजनल रेलवे मैनेजर सुरेंद्र कुमार ने स्थानांतरण की पुष्टि की है और कहा है कि उपचार के उद्देश्य से उन्हें स्थानांतरित किया गया है।
उधर, रेलवे के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि उपचार के अलावा, उनके स्थानांतरण का एक और कारण है, जो कि दुर्घटना के बारे में उनसे पूछताछ की प्रक्रिया से जुड़ा है। जैसे ही वह चिकित्सकीय और मानसिक रूप से फिट हो जाते हैं, उनसे पूछताछ शुरू की जाएगी। कुमार से अभी तक विस्तृत पूछताछ संभव नहीं हो पाई है, इसका कारण यह है कि उनकी सेहत फिलहाल ऐसी नहीं है कि बयान दे सकें। वे अभी भी दुर्घटना के प्रभाव और उनकी आंखों के सामने हुई मौतों के कारण सदमे से बाहर नहीं आ पाए हैं।
कुमार के साथ एक ही केबिन में बैठे मालगाड़ी के लोको पायलट की हादसे में मौत हो गई थी। कंचनजंघा एक्सप्रेस के गार्ड की भी इस दुर्घटना में मौत हो गई, जिसमें अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है। सूत्रों ने बताया कि चूंकि कुमार का बयान दुर्घटना की जांच रिपोर्ट के अंतिम मसौदे के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए संबंधित अधिकारी उपचार पूरा होने पर उनसे जल्द से जल्द पूछताछ शुरू करने की प्रक्रिया में तेजी लाना चाहते हैं।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मालगाड़ी ने रंगापानी और चट्टर हाट के बीच की दूरी तय करते समय 15 किमी प्रति घंटे की प्रतिबंधित गति सीमा से अधिक स्पीड में सफर करते हुए कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी थी।