रांची,03 जून । शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और तत्कालीन संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह सहित पांच आरोपितों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) कोर्ट में मंगलवार को हुई। कोर्ट ने इन सभी आरोपितों की न्यायिक हिरासत की अवधि 9 जून तक के लिए बढ़ा दी है। विनय चौबे की ओर से उनके वकील ने रिम्स में उनसे मिलने की अनुमति एसीबी कोर्ट से मांगी, कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद अनुमति प्रदान कर दी है।

इससे पूर्व एसीबी की टीम ने विनय कुमार चौबे और गजेंद्र सिंह को दो दिनों की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद एसीबी कोर्ट में प्रस्तुत किया था, इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। बीमार रहने के कारण विनय चौबे रिम्स में इलाजरत है।

उल्लेखनीय है कि 20 मई को विनय चौबे और तत्कालीन संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को करीब 38 करोड रुपये के शराब घोटाला मामले में एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया था। छत्तीसगढ़ में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद रांची एसीबी ने मामले में वर्ष 2024 में प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज करते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में नई उत्पाद नीति बनी थी। यह छत्तीसगढ़ के मॉडल तर्ज पर बनाई गई थी। राज्य में छत्तीसगढ़ के सिंडिकेट हावी हो गये थे। थोक शराब की बिक्री पर छत्तीसगढ़ के सिंडिकेट का कब्जा था। लाभ पहुंचाने के लिए देसी और विदेशी शराब का ठेका किसी खास सिंडिकेट को दिया गया था, जिसके एवज में अधिकारियों को मोटा  कमीशन मिला था । इससे झारखंड सरकार को करीब 38 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।

इस मामले में अबतक पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। उनमें विनय कुमार चौबे, गजेन्द्र सिंह और झारखंड स्टेट विबरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के जीएम वित्त सुधीर कुमार दास, पूर्व जीएम वित्त सुधीर कुमार एवं मार्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लोकल प्रतिनिधि नीरज कुमार शामिल हैं।