नई दिल्ली, 21 मई। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल के साथ हुई कथित मारपीट के मामले में गहरा दुख जताते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं।
उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से आज जारी वक्तव्य में बताया गया है कि स्वाति मालीवाल ने फोन पर उपराज्यपाल को घटना की विस्तृत जानकारी दी है। साथ ही मामले में सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका जताई है।
उपराज्यपाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि कम से कम मर्यादा के लिए ही मुख्यमंत्री इस मामले में अपनी बात साफ-साफ कह देते, न कि टालमटोल और संदिग्ध रवैया अपनाते। उनकी चुप्पी महिलाओं की सुरक्षा के मामले में उनके रुख को बयां करती है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है और यहां दुनिया भर के राजनयिक समुदाय आते हैं। महिला सुरक्षा के मुद्दे पर ऐसी शर्मनाक घटनाएं और असंवेदनशील तथा षड्यंत्रकारी अवमाननापूर्ण सरकारी प्रतिक्रिया दुनिया भर में भारत की छवि को धूमिल करती है। अगर देश में किसी अन्य मुख्यमंत्री के घर पर ऐसी घटना हुई होती, तो भारत के प्रति शत्रुता रखने वाले निहित स्वार्थी बाहरी ताकतें भारत में महिला सुरक्षा को लेकर एक तीखी वैश्विक कहानी गढ़ देते। इस मामले में किसी भी तरह की नाराजगी न होना कई सवालों को अनुत्तरित छोड़ देती है।
उन्होंने कहा कि मालीवाल उनके और उनके कार्यालय के प्रति मुखर, शत्रुता और घोर पक्षपातपूर्ण रही हैं, तथा अक्सर उनकी अनुचित आलोचना करती रही हैं, फिर भी उनके साथ की गई कोई भी शारीरिक हिंसा और उत्पीड़न अक्षम्य और अस्वीकार्य है।
उपराज्यपाल ने कहा कि यह परेशान करने वाला है कि अपराध मुख्यमंत्री के ड्राइंग रूम में हुआ और वे घर में मौजूद थे तथा यह अपराध उनके सबसे करीबी सहयोगी द्वारा एक अकेली महिला पर किया गया। उनके साथी राज्यसभा सदस्य (संजय सिंह) ने मीडिया के सामने उनकी कहानी की पुष्टि की तथा आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री अपराधी-उनके सहयोगी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेंगे। इसके बाद मामले में पूरी तरह से यू टर्न ले लिया गया, जो स्पष्ट रूप से पार्टी में ऊंचे पद पर बैठे पदाधिकारी के इशारे पर हुआ। यह भी समझ से परे और हैरान करने वाला है।