कोलकाता, 05 मार्च । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा दायर मानहानि के मामले में अब कानूनी टीम में बदलाव किया गया है। इस मामले में ममता बनर्जी की ओर से अब वरिष्ठ वकील और तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी पैरवी करेंगे। इससे पहले इस केस की जिम्मेदारी अधिवक्ता संजय बसु के पास थी। बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति टीएस शिवगणनम की पीठ के समक्ष फॉक्स एंड मंडल सॉलिसिटर फर्म ने यह जानकारी दी। इस दौरान कल्याण बनर्जी खुद अदालत में मौजूद थे। हालांकि, इस दिन सुनवाई नहीं हो सकी। अब अगली तारीख बाद में तय होगी।

यह पूरा विवाद पिछले साल विधानसभा उपचुनाव में जीतने वाले दो तृणमूल विधायकों की शपथ को लेकर शुरू हुआ था। बरानगर से सायंतिका बनर्जी और भगवानगोला से रियात हुसैन सरकार विधायक बने थे। इनकी शपथ को लेकर राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था।

राज्यपाल सीवी आनंद बोस का कहना था कि दोनों विधायकों को राजभवन में आकर शपथ लेनी होगी, जबकि विधायक चाहते थे कि राज्यपाल विधानसभा में आकर उन्हें शपथ दिलाएं। इस मुद्दे पर सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और विधानसभा अध्यक्ष ने गतिरोध दूर करने की कोशिश की, लेकिन राज्यपाल अपने फैसले पर कायम रहे।

इस दौरान राज्यपाल ने ममता बनर्जी सहित चार लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। अब तक इस केस की पैरवी संजय बसु कर रहे थे, लेकिन अब मुख्यमंत्री ने वकील बदलने का फैसला किया है।

बुधवार को अदालत में फॉक्स एंड मंडल सॉलिसिटर फर्म ने यह भी आग्रह किया कि बिना उनकी जानकारी के इस केस में हाई कोर्ट कोई आदेश पारित न करे। सुनवाई आगे के लिए टाल दी गई है, जिसकी तारीख जल्द घोषित होगी।