नई दिल्ली, 25 नवंबर । ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर प्रसिद्ध लेखक एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष किशोर मकवाणा की पुस्तक ‘विद्यार्थियों हेतु भारत का संविधान’ का लोकार्पण किया गया। पुस्तक का लोकार्पण आज कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किया। इस मौके पर न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता (सेवानिवृत) भी मौजूद रहे। इस पुस्तक की भूमिका केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने स्वयं लिखी है।

पुस्तक का लोकार्पण करते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह पुस्तक संविधान को जानने और समझने की इच्छा रखने वाले हर उम्र के लोगों के लिए है।

पुस्तक लोकार्पण के मौके पर किशोर मकवाणा ने कहा कि भारतीय संविधान लोकतंत्र की आत्मा है। लोकतंत्र में आस्था रखने वाले लोगों की आशा और श्रद्धा का केंद्र है। संविधान को जानना-समझना हर भारतीय, विशेषकर विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है। संविधान को समझने से वे भारत के नागरिक के रूप में अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानेंगे। उनमें लोकतंत्र, समानता और न्याय के सिद्धांतों के प्रति गहरी समझ विकसित होगी। इस पुस्तक का एक ही उद्देश्य है स्कूल-कॉलेज के छात्र एवं किशोर-युवाओं को संविधान के प्रति जागृत करना।

उल्लेखनीय है कि पुस्तक को भारतीय संविधान सरल और सुलभ तरीके से समझाने की दृष्टि से डिजाइन किया गया है। जटिल अवधारणाओं को आसान भाषा में समझाया गया है तथा संविधान की मूल प्रति के चित्रों का भरपूर उपयोग किया गया है।

पुस्तक ‘संविधान की अवधारणा और यह महत्त्वपूर्ण क्यों है,’ इसका परिचय देकर शुरू होती है। यह बताती है कि संविधान देश के लिए एक नियम पुस्तिका की तरह है, जो नागरिकों के अधिकारों एवं कर्तव्यों को बताती है और यह निर्धारित करती है कि सरकार को कैसे कार्य करना चाहिए। कुल मिलाकर ‘विद्यार्थियों हेतु भारत का संविधान’ विद्यार्थियों के लिए सरल और सुबोध तरीके से भारत के संविधान को जानने के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण व पठनीय पुस्तक है।