कुशीनगर 06 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश में कुशीनगर जिले के पडरौना शहर के जटहां रोड पर संचालित जीवनदीप चाइल्ड एंड मैटरनिटी सेंटर में बच्चा बदल जाने की घटना के बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल को सील करा दिया है।

मामला कोतवाली थानाक्षेत्र का है जहां गुरूवार देर रात एक परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए जबरदस्त हंगामा किया। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि रुपये लेकर उसे बेटे की जगह बेटी दे दी गई है। उसके बाद लोगों ने जमकर हंगामा किया। कोतवाली पुलिस लोगों को समझाने और मनाने के लिए जूझती रही। एसडीएम सदर और स्वास्थ्य विभाग की ओर से एसीएमओए डिप्टी सीएमओ रात में पहुंचे और जांच.पड़ताल के बाद अस्पताल को सील कर दिया। अस्पताल के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी रही।

बताया जा रहा है कि रामकोला थाना के विजयीपुर तिराहा निवासी दीपू की पत्नी अंजली को 29 सितंबर को सीएचसी पर सामान्य प्रसव से बेटा पैदा हुआ। बच्चे की धड़कन कम होने के कारण डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इलाज के दौरान आराम नहीं मिलने पर परिजनों ने एक दलाल के चक्कर में पड़कर बच्‍चे को पडरौना के जटहां रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज से बच्चे की तबीयत में सुधार हुआ।

गुरूवार को अस्पताल से दो महिलाओं की छुट्टी दी गयी और इसी बीच अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही के कारण दो महिलाओ के नवजात बच्चे भी बदल दिए गए। अंजली को बेटे की जगह बेटी दे दी। जब अंजली को गोद में अपना बेटा नहीं लगा तो उसने शोर-शराबा शुरू कर दिया। परिजन भी पहुंच गए और वे लोग अस्पताल में बच्चा बदलने का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे। यह भी आरोप लगा रहे थे कि रुपये लेकर बच्चे को बदल दिया गया है। जैसे ही यह बात फैली, अस्पताल के अंदर और बाहर भीड़ लग गई। स्वास्थ्यकर्मियों के बीच भी तीखी बहस और विवाद की स्थिति आ गई।

पडरौना के कोतवाल राजप्रकाश सिंह पुलिसफोर्स के साथ अस्पताल पहुंचे और हंगामा कर रहे लोगों को समझाते रहे। लेकिन परिजन कुछ सुनने और मानने को तैयार नहीं थे। पुलिस से भी परिजनों की तीखी नोकझोंक हुई। बाद में रजिस्टर और सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई तो पता चला कि अंजली के साथ ही पडरौना क्षेत्र के भरवलिया की एक महिला की नवजात बेटी को भी अस्पताल से छुट्टी दी गई है। उस महिला की खोजबीन हुई और उसे अस्पताल पर बुलाया गया, तब उसने आकर बताया कि उसे बेटी की जगह बेटा मिल गया था। अंजली को उसका बेटा मिलने के बाद लोग शांत हुए। तब तक रात के दस बज चुके थे।

जांच पड़ताल में बात सामने आई कि नवजात बदला गया था। एक स्वास्थ्यकर्मी ने यह गलती की थी। अस्पताल को सील कर दिया गया है।