कोलकाता, 20 मई। कोलकाता के राजकीय नीलरतन सरकार मेडिकल कॉलेज (एनआरएस) को ड्यूटी में लापरवाही और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर राष्ट्रीय मेडिकल आयोग (एनएमसी) ने कारण बताओ नोटिस (शोकॉज) जारी किया है। इसके साथ ही कॉलेज पर कई करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

सूत्रों के मुताबिक कॉलेज प्रशासन ने नोटिस का जवाब दे दिया है, लेकिन इसके बाद डॉक्टरों और प्रोफेसरों को लेकर भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।

शोकॉज नोटिस में एनएमसी ने कुल आठ गंभीर कारणों का उल्लेख किया है, जिनमें सबसे प्रमुख है कॉलेज के 20 में से 18 विभागों में डॉक्टरों की उपस्थिति से संबंधित अनियमितताएं। एमबीबीएस परीक्षा के संचालन में भी लापरवाही के प्रमाण मिले हैं। इसके अलावा कई विभागों में प्रशासनिक गड़बड़ियों और रिकॉर्ड में गड़बड़ी का आरोप है।

नोटिस में यह भी कहा गया है कि अस्पताल में अब तक कितने मरीजों ने इलाज कराया और कितनों की मृत्यु हुई – इस संबंध में भी कोई स्पष्ट आंकड़ा मौजूद नहीं है। यह बात भी आयोग की नाराजगी का कारण बनी है।

कॉलेज के डॉक्टरों और शिक्षकों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। अब सभी को ड्यूटी जॉइन करने और परिसर छोड़ने से पहले फेस-बायोमेट्रिक सिस्टम के जरिए उपस्थिति दर्ज करानी होगी। यदि कोई डॉक्टर या प्रोफेसर ऐसा नहीं करता है, तो उस दिन उसे अनुपस्थित माना जाएगा।

इसके अलावा छुट्टी लेने के लिए अब पूर्व अनुमति अनिवार्य कर दी गई है। बिना अनुमति के छुट्टी लेने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

एनआरएस अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पहले भी आम जनता में असंतोष देखा गया है। कई बार आरोप लगे हैं कि अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं, और जो हैं भी, वे समय पर सेवाएं नहीं दे रहे। मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिलने की शिकायतें लगातार सामने आती रही हैं।

अब एनएमसी की सख्ती से उम्मीद की जा रही है कि अस्पताल प्रबंधन व्यवस्था सुधारने की दिशा में जरूरी कदम उठाएगा और आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलेगी।