कोलकाता, 11 जनवरी । कोलकाता पुलिस ने उन एनआरआई के बारे में पड़ताल तेज कर दी है, जिनके स्थायी पते पश्चिम बंगाल में हैं और वे फर्जी भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल कर विदेशों में काम कर रहे हैं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पुलिस ने कई देशों के दूतावासों और उच्चायोगों, विशेष रूप से तीन यूरोपीय देशों में, आधिकारिक पत्र भेजे हैं। इन देशों में इन फर्जी पासपोर्ट धारकों के काम करने की सूचना है। पुलिस का उद्देश्य उनकी वर्तमान स्थिति और कानूनी स्थिति का पता लगाना है।
जांच में यह खुलासा हुआ है कि इनमें से कई लोग, जो खुद को पश्चिम बंगाल का निवासी बताते हैं, असल में बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। इन लोगों ने भारत में अवैध रूप से प्रवेश किया और फर्जी भारतीय पहचान पत्र, जैसे पासपोर्ट, हासिल कर विदेश चले गए। कोलकाता पुलिस ने इन संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया हैं, ताकि वे और अधिक धोखाधड़ी न कर सकें
सीमावर्ती जिलों में सक्रिय संगठित रैकेट
पश्चिम बंगाल पुलिस ने दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और नदिया जिलों में सक्रिय फर्जी पासपोर्ट रैकेट का खुलासा किया है। ये इलाके बांग्लादेश के साथ स्थलीय और तटीय सीमाएं साझा करते हैं, जिससे ये अवैध गतिविधियों का केंद्र बन गए हैं। खासकर दक्षिण 24 परगना, जो बांग्लादेश के करीब तटीय इलाका है, अधिक जोखिम वाला क्षेत्र है।
जांचकर्ताओं ने पाया कि ये रैकेट बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी भारतीय पासपोर्ट तैयार करने की संरचित प्रक्रिया अपनाते हैं। भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने के बाद, ये घुसपैठिए स्थानीय एजेंटों से संपर्क करते हैं और बड़ी रकम देकर फर्जी भारतीय पहचान पत्र हासिल करते हैं।
पहले चरण में उन्हें फर्जी राशन कार्ड दिए जाते हैं, जो अन्य दस्तावेज, जैसे वोटर आईडी, पैन कार्ड और आधार कार्ड प्राप्त करने का आधार बनते हैं। इन दस्तावेजों का उपयोग फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनाने में किया जाता है, जिससे ये घुसपैठिए झूठी पहचान के साथ देश छोड़ देते हैं।