कोलकाता, 04 जुलाई दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज की छात्रा से गैंगरेप के मामले में जांच लगातार तेज़ हो रही है। इस मामले के मुख्य आरोपित मनोजीत मिश्रा ने वारदात के कुछ ही घंटों के भीतर कुल 16 कॉल किए थे। पुलिस ने इन कॉल्स के विवरण खंगालने शुरू कर दिए हैं और जिन लोगों से बात हुई, उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन कॉल्स में से एक कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के एक सदस्य को भी किया गया था। हालांकि इस सदस्य से पूछताछ हो चुकी है, लेकिन जांच अधिकारियों ने फिलहाल इसके निष्कर्षों को सार्वजनिक करने से इनकार किया है।

तीनों आरोपितों —मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी —के मोबाइल टावर लोकेशन का विश्लेषण भी किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वारदात के बाद वे कहां-कहां गए थे। इस सप्ताह मामले की जांच कोलकाता पुलिस के डिटेक्टिव डिपार्टमेंट को सौंप दी गई है, जिसने आरोपितों पर अपहरण और हथियार से चोट पहुंचाने जैसी अतिरिक्त धाराएं भी जोड़ दी हैं।

डिटेक्टिव विभाग की टीम ने शुक्रवार तड़के करीब तीन बजे तीनों आरोपितों को लेकर कॉलेज कैंपस पहुंचकर घटनास्थल का पुनर्निर्माण (री-इनैक्टमेंट) किया। सूत्रों का कहना है कि इस प्रक्रिया के नतीजों की तुलना पीड़िता के उस बयान से की जाएगी, जो उसने घटना के तुरंत बाद दिया था। इससे पहले विशेष जांच दल की एक सदस्य पीड़िता के साथ घटनास्थल पर जाकर री-इनैक्टमेंट कर चुकी हैं।

उल्लेखनीय है कि 25 जून को दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ कॉलेज परिसर के गार्ड रूम में दो सीनियर छात्र और एक पूर्व छात्र ने कथित रूप से बलात्कार किया था। इस मामले में अब तक तीनों मुख्य आरोपितों के अलावा कॉलेज के सुरक्षा गार्ड को भी गिरफ्तार किया गया है।

जांच एजेंसियों के अनुसार, यह मामला केवल यौन शोषण का नहीं बल्कि गंभीर आपराधिक साजिश का हिस्सा भी हो सकता है, और इसी कारण आरोपों में विस्तार किया गया है। पुलिस जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।