कोलकाता, 23 जनवरी । पश्चिम बंगाल में एक बड़े फर्जी कॉल सेंटर और क्रिप्टोकरेंसी घोटाले का मामला सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को इस घोटाले से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया। ये छापेमारी मुख्य रूप से कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में की गई।

सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से विदेशी नागरिकों को सॉफ्टवेयर से संबंधित सेवाएं प्रदान करने का झांसा देकर ठगता था। ठगी के माध्यम से जुटाई गई राशि को क्रिप्टोकरेंसी के रूप में विदेशों में भेज दिया जाता था।

ईडी की टीमों ने कोलकाता के बालीगंज, तोप्सिया, पिकनिक गार्डन, साल्ट लेक, राजारहाट और सेक्टर-5 के आईटी हब सहित कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। इन छापेमारियों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवान ईडी अधिकारियों के साथ मौजूद थे।

ईडी अधिकारियों ने तलाशी के दौरान कागजों और डिजिटल स्वरूप में कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं। इन दस्तावेजों से घोटाले की वित्तीय जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।

कोलकाता के व्यापारी राजेश गोयनका इस घोटाले के मुख्य संदिग्ध बताए जा रहे हैं। ईडी की यह कार्रवाई उन शिकायतों के आधार पर की गई है, जो ठगे गए लोगों ने दर्ज कराई थीं। इसके बाद ईडी ने प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज कर जांच शुरू की।

जांचकर्ताओं को संदेह है कि इस गिरोह की जड़ें पश्चिम बंगाल में होने के साथ-साथ पूर्वी भारत के अन्य राज्यों तक भी फैली हो सकती हैं।

ईडी अधिकारी जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं ताकि इस घोटाले में शामिल कुल धनराशि का पता लगाया जा सके।