
कोलकाता, 19 सितम्बर ।
कोलकाता के मशहूर रानी बिरला गर्ल्स कॉलेज की प्रिंसिपल श्रावन्ती भट्टाचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से नया विवाद खड़ा हो गया है। यह वही प्रिंसिपल हैं जिन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भाभी और कॉलेज की वर्किंग कमेटी की अध्यक्ष कजरी बनर्जी के फैसले को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
जानकारी के अनुसार, यह एफआईआर 12 सितम्बर को शेक्सपियर सरणी थाने में दर्ज की गई थी, लेकिन इसका खुलासा शुक्रवार को हुआ। खास बात यह है कि एफआईआर दर्ज होने की खबर उस समय सामने आई जब एक दिन पहले ही हाईकोर्ट की एकल पीठ ने कजरी बनर्जी द्वारा प्रिंसिपल को दिए गए निलंबन आदेश और कारण बताओ नोटिस पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
न्यायमूर्ति बिभाष पटनायक ने सुनवाई के दौरान यह भी सवाल उठाया कि कजरी बनर्जी शिक्षा से जुड़ी नहीं हैं, फिर भी उन्हें कॉलेज की वर्किंग कमेटी का अध्यक्ष कैसे बनाया गया। अदालत ने कहा कि कानून के मुताबिक कॉलेज मैनेजमेंट कमेटी का अध्यक्ष वही व्यक्ति होना चाहिए जो शिक्षा से जुड़ा हो। ऐसे में यह जांचना जरूरी है कि उनकी नियुक्ति वैध है या नहीं।
अदालत की इस टिप्पणी के अगले ही दिन कॉलेज के हिंदी शिक्षक मंटू दास ने प्रिंसिपल के खिलाफ जातिगत आधार पर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई। दास का कहना है कि वह 2014 से इस कॉलेज में पढ़ा रहे हैं और 2022 में श्रावन्ती भट्टाचार्य के प्रिंसिपल बनने के बाद से उन्हें लगातार अपमान झेलना पड़ा।
प्रिंसिपल ने आरोपों से साफ इनकार किया है और कहा कि वह इस मामले पर अब कोई टिप्पणी नहीं करेंगी क्योंकि यह मामला कॉलेज विवाद से जुड़ा है, जिस पर सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है।
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सवालों के घेरे में एफआईआर का समय
शैक्षणिक और राजनीतिक हलकों में अब इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि जब शिक्षक ने खुद कहा कि 2022 से अपमानित किया जा रहा है, तो उन्होंने तीन साल तक शिकायत क्यों नहीं की। साथ ही, एफआईआर ऐसे समय में सामने आना जब हाईकोर्ट में कॉलेज विवाद पर सुनवाई जारी है, मामले को और अधिक संदेहास्पद बना रहा है।






