कोलकाता, 16 मार्च । महानगर कोलकाता में हरियाली धीरे-धीरे कम होती जा रही है। निर्माण कार्यों के लिए कई स्थानों पर बड़े पेड़ों को काटा जा रहा है। नियमानुसार पेड़ काटने पर उसके बदले कई पौधे लगाए जाने चाहिए। जबकि, निर्माण कार्य के बाद, अधिकांश मामलों में वृक्षारोपण में नकारात्मक भूमिका देखी जा रही है। इसे देखते हुए कोलकाता नगर निगम ने पर्यावरण की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाया है।

अब निर्माण कार्य करवाने वाले बिल्डरों को पेड़ों को काटने के बदले में नए पौधे लगाने का वादा करना होगा। निर्माण पूरा होने के बाद सभी पौधे रोपे गए हैं या नहीं, इसकी जांच के बाद ही सीसी या पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

कोलकाता नगर निगम ने इस नए प्रस्ताव पर राज्य वन विभाग के साथ भी चर्चा की है। वन विभाग के नियमों के अनुसार, यदि किसी भूमि पर निर्माण कार्य के लिए कोई बड़ा पेड़ काटा जाता है तो उसके स्थान पर पांच पौधे लगाने होंगे। ज्यादातर मामलों में कोलकाता नगर निगम अधिकारियों को नगर निगम या वन विभाग की अनुमति के बिना पेड़ों को काटे जाने का पता चला है। देखा गया है कि कई मामलों में, एक निश्चित संख्या में पौधे लगाने के वादे के साथ निर्माण की अनुमति प्राप्त करने के बावजूद, कई लोग अपने वादे पूरे नहीं कर रहे हैं।

कोलकाता नगर निगम के एक अधिकारी के अनुसार, केएमसी इस संबंध में विभिन्न सरकारी विभागों और वन विभाग की अनुमति एक साथ एक खिड़की प्रणाली (वन विंडो प्रोसेस) में प्राप्त करने पर विचार कर रहा है। यदि यह प्रणाली ऑनलाइन शुरू की जाती है, तो दोनों पक्षों के लिए इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई करना आसान होगा।