-लाहौर और सरगोधा की दो आतंकवाद-रोधी अदालतों ने रात नौ बजे के बाद कारागारों में सुनाया फैसला

लाहौर, 23 जुलाई। पाकिस्तान के लाहौर और सरगोधा की दो अदालतों ने रात करीब साढ़े नौ बजे अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कई नेताओं को 10 वर्ष के जेल की सजा सुनाई। इन सभी के खिलाफ 09 मई, 2023 को इमरान की भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तारी के बाद देश में फैली हिंसा के आरोप में दर्ज मामलों पर यह फैसला आया है।

डान अखबार की खबर के अनुसार, लाहौर आतंकवाद-रोधी अदालत के जज अरशद जावेद ने कोट लखपत जेल में रात करीब साढ़े नौ बजे शेरपाओ ब्रिज हिंसा मामले में फंसे पीटीआई नेताओं की मौजूदगी में यह फैसला सुनाया। अदालत ने डॉ. यास्मीन राशिद, सीनेटर एजाज चौधरी, पूर्व गवर्नर उमर सरफराज चीमा और पूर्व प्रांतीय मंत्री मियां महमूदुर राशिद को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। पीटीआई के चार वरिष्ठ नेताओं के अलावा जज ने अफजाल अजीम पहाट, अली हसन, खालिद कयूम और रियाज हुसैन समेत कई आरोपितों को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

हालांकि, अदालत ने पीटीआई के उपाध्यक्ष और पूर्व विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी को बरी कर दिया। लाहौर में 09 मई को हुए दंगों से जुड़े किसी भी मामले में यह पहला फैसला है। जज ने कुरैशी सहित छह आरोपितों को बरी कर दिया। बचाव पक्ष के अनुसार कथित हिंसा के दिन उनके मुवक्किल कराची में थे। पीटीआई कार्यकर्ता हमजा अजीम, ऐतजाज रफीक, राणा तनवीर, इफ्तिखार अहमद और जायस खान को भी बरी कर दिया गया।

सुरक्षा कारणों से जेल में चले मुकदमे के दौरान 14 आरोपितों पर अभियोग लगाया गया था। अभियोजन पक्ष ने 28 सितंबर, 2023 को चालान (आरोप-पत्र) पेश किया था। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि ’09 मई की साजिश’ 07 मई को इमरान खान के आवास जमान पार्क में रची गई थी।

बचाव पक्ष के वकील मलिक ने तर्क दिया कि प्राथमिकी में 400 आरोपितों का उल्लेख है, लेकिन मुकदमा 14 पर ही चलाया जा रहा है। वकील ने यह भी बताया कि 09 मई को किसी भी व्यक्ति के घायल होने का कोई मेडिकल प्रमाण पत्र मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष कथित घटनास्थल पर पीटीआई नेताओं की मौजूदगी साबित करने में विफल रहा। कुरैशी के बारे में उन्होंने कहा कि पूर्व विदेश मंत्री 9 मई, 2023 को कराची में थे। सरवर रोड पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें दावा किया गया कि आरोपियों ने 09 मई के व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान शेरपाओ ब्रिज पर भड़काऊ भाषण दिए और दंगे भड़काए।

सरगोधा आतंकवाद-रोधी अदालत ने भी कारागार में मूसाखेल पुलिस स्टेशन में दर्ज 09 मई के एक दंगा मामले में पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता अहमद खान भाचर सहित दर्जनों पीटीआई नेताओं को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। जज नईम शेख ने मौजूदा सांसद अहमद चट्ठा और पूर्व सांसद राणा बिलाल एजाज समेत 32 आरोपितों को दोषी ठहराया। इस मामले में नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता उमर अयूब खान समेत 70 से अधिक आरोपितों को भगोड़ा घोषित किया गया था।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान एक दर्जन से ज्यादा अभियुक्तों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दी गई। 09 मई के मामलों में दोषी ठहराए गए पीटीआई सांसदों को संविधान के अनुच्छेद 63(1) (जी) के तहत स्वतः अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। सजा पर टिप्पणी करते हुए उमर अयूब खान ने कहा कि सरगोधा अदालत का फैसला गैरकानूनी है। एक्स अकाउंट पर एक बयान में उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों को पिछले ट्रायल जज ने अविश्वसनीय घोषित किया था। पीटीआई नेताओं को अन्यायपूर्ण तरीके से दोषी ठहराया गया। उन्होंने कहा कि पीटीआई नेता उच्च न्यायालयों में इस सजा को चुनौती देंगे। उन्होंने डॉ. यास्मीन राशिद, मियां मोहम्मद उर रशीद, सीनेटर एजाज चौधरी और पूर्व राज्यपाल उमर चीमा व अन्य को सजा सुनाए जाने की निंदा की। खान ने कहा कि पाकिस्तान में कानून का राज दफन हो चुका है।