
नई दिल्ली, 31 मार्च । वक्फ संशोधन विधेयक को इस हफ्ते लोकसभा में पेश किए जाने की संभावनाओं के बीच केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (केसीबीसी) ने विधेयक का समर्थन किया है। केसीबीसी ने सांसदों से इसके पक्ष में वोट देने की भी अपील की है। भाजपा ने काउंसिल के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह विधेयक के विरोधियों को करारा जवाब है।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोमवार को एक्स पोस्ट में कहा कि जो वक्फ का इस्तेमाल करके ध्रुवीकरण करने और मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें केसीबीसी ने स्पष्ट भाषा में जवाब दे दिया है। यह कभी भी अल्पसंख्यक बनाम बहुसंख्यक का मुद्दा नहीं था। वक्फ को दी गई असीमित शक्तियों ने ईसाई समुदाय तक की भूमि हड़पने को बढ़ावा दिया है। आज यह भूमि हड़पने वालों और गरीब मुसलमानों के बीच का मुद्दा है, लेकिन जो लोग इसे हिंदू बनाम मुस्लिम या बहुसंख्यक बनाम अल्पसंख्यक बना रहे हैं, उन्हें केसीबीसी से करारा तमाचा मिला है।
केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि केरल कैथोलिक बिशप्श काउंसिल और कई अन्य ईसाई संगठन केरल के सांसदों से वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट कर इसके पक्ष में मतदान करने के लिए कह रहे हैं। क्योंकि केरल में कोचीन के पास मुनंबम नामक स्थान पर सैकड़ों गरीब परिवारों को वक्फ से उनकी जमीन जब्त किए जाने का खतरा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके लिए वे कई वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि केरल के सांसद अपना कर्तव्य निभाएं, जो कि मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करना है और उनकी समस्याओं का समाधान करना है, न कि केवल तुष्टीकरण की राजनीति करना है। वक्फ (संशोधन) विधेयक किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है। यह भारत के संवैधानिक मूल्यों के साथ कानून को जोड़ने के बारे में है।
उल्लेखनीय है कि केसीबीसी केरल में सिरो-मालाबार, लैटिन और सिरो-मलंकरा चर्चों से संबंधित कैथोलिक बिशपों का एक शक्तिशाली संगठन है। केसीबीसी इस मुद्दे पर वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा कर रही संसद की संयुक्त समिति के समक्ष भी याचिका दायर कर चुका है। मुनंबन भूमि विवाद के बाद केरल की सत्तारूढ़ सीपीएम और विपक्षी कांग्रेस भूमि पर कब्जा करने वालों के पक्ष में सामने आई थीं। अधिकारियों ने वादा किया था कि जिनके पास वैध दस्तावेज हैं, उन्हें बेदखल नहीं किया जाएगा। हालांकि, दोनों ही पार्टियों ने केंद्र के वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया है। माना जा रहा है कि सरकार दो अप्रैल को वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश कर सकती है।