
कोलकाता, 07 जुलाई। कसबा स्थित साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज (न्यू कैंपस) की एक छात्रा के साथ परिसर में हुए दुष्कर्म मामले में अब कॉलेज की उप-प्राचार्या नयना चटर्जी की उपस्थिति को लेकर सवाल उठने लगे हैं। उपस्थिति पंजिका में किए गए उनके हस्ताक्षर को लेकर पुलिस की जांच नई दिशा में बढ़ गई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 25 जून की शाम जब यह वारदात कॉलेज परिसर में हुई, उस दिन उप-प्राचार्या द्वारा उपस्थिति रजिस्टर में सुबह 9:50 बजे प्रवेश और उसी समय 9:50 बजे निकास दर्ज किया गया है। लेकिन इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि यह समय पूर्वाह्न (एएम) है या अपराह्न (पीएम)। इससे दो संभावनाएं सामने आती हैं—या तो उन्होंने सुबह प्रवेश किया और देर रात तक कॉलेज में थीं, या फिर उन्होंने केवल उपस्थिति दर्ज कर तत्काल कॉलेज से निकल गईं। दूसरी संभावना पुलिस को संदिग्ध लग रही है।
इस संदर्भ में कॉलेज की उप-प्राचार्या और गवर्निंग बॉडी की सचिव नयना चटर्जी ने पिछले कुछ दिनों से मीडिया से दूरी बनाई हुई है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वारदात के समय वह परिसर में मौजूद थीं या नहीं।
पुलिस ने हाल ही में कॉलेज से तीन महत्वपूर्ण दस्तावेज ज़ब्त किए हैं—गवर्निंग बॉडी की बैठकों की कार्यवृत्त रजिस्टर, मुख्य आरोपित मनोजीत मिश्रा की संविदा नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज़ और समस्त शिक्षकीय व गैर-शिक्षकीय कर्मियों की उपस्थिति रजिस्टर। इन दस्तावेजों की जांच से पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या कॉलेज प्रशासन ने पूर्व में मिश्रा के खिलाफ आए दुर्व्यवहार, गुंडागर्दी और यौन उत्पीड़न जैसे आरोपों पर कोई कार्रवाई की थी या नहीं।
इस पूरे मामले की जांच अब कोलकाता पुलिस के डिटेक्टिव विभाग को सौंप दी गई है, जिसने आरोपितों पर अपहरण और हथियारों से घायल करने जैसी धाराएं भी जोड़ दी हैं। इससे पहले आरोप केवल दुष्कर्म से संबंधित धाराओं में ही दर्ज थे।
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि मनोजीत मिश्रा इस अपराध का मुख्य सूत्रधार है, जबकि गिरफ्तार किए गए अन्य दो आरोपित—जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी—उसकी सहायता करने वाले रहे हैं।