कोलकाता, 6 जुलाई। कामदुनी सामूहिक दुष्कर्म कांड की पीड़िता के छोटे भाई को बार-बार जान से मारने की धमकी मिल रही है। परिवार ने पुलिस से शिकायत की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

 

कामदुनी कांड में चार आरोपितों को फांसी और आजीवन कारावास से मुक्त कर दिया था। इसके खिलाफ राज्य और कामदुनी के पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर में रिहाई के आदेश में शर्तें जोड़ीं, जिनमें मुख्य था कि आरोपित राजारहाट थाने को अपनी गतिविधियों की सूचना देंगे और पीड़िता के परिवार से संपर्क नहीं करेंगे।

पीड़िता के भाई का आरोप है कि आरोपितों ने उसे मारने की साजिश रची है। उसने बताया, “इस साल की शुरुआत में, ऑफिस से घर लौटते समय, मैंने सुना कि कोई कह रहा था कि वह मुझ पर नजर रख रहे हैं। लांगलपोटा मोड़ पर मुझे मारने की योजना थी।” उसने राजारहाट थाने में शिकायत की, लेकिन जीडी नंबर नहीं मिला।

भाई ने बताया कि उसने अपने कार्यस्थल, सूक्ष्म और लघु उद्योग विभाग के सामने कुछ लोगों को घूमते देखा। उसने उनका वीडियो बनाकर हेयर स्ट्रीट थाने में दिखाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोकसभा चुनाव के दौरान परिवार को धमकी दी गई कि अगर वे वोट देने कामदुनी आए तो मार दिए जाएंगे।

बिधाननगर कमिश्नरेट के न्यू टाउन के डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस मानव सिंगला ने कहा कि पुलिस के पास धमकी की कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं होना चाहिए, फिर भी राजारहाट थाने से बात करेंगे।”

कामदुनी कांड में न्याय के लिए लड़ाई लड़ने वाली टीम का मुख्य चेहरा, टुम्पा कयाल, का आरोप है कि 23 जून को उनके पति विश्वजीत मंडल पर हमला हुआ। टुम्पा ने बताया कि वह शनिवार शाम को अकंदकेशरी पुल से आर्ट कॉलेज तक विरोध मार्च में शामिल होंगी।