कोलकाता, 04 जनवरी। स्कूल में नौकरी के बदले नकदी मामले के मुख्य आरोपित सुजय कृष्ण भद्र ने बुधवार देर रात केंद्र के ईएसआई अस्पताल में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा किए गए अपने वॉयस सैंपलिंग परीक्षण को चुनौती दी है। गुरुवार दोपहर  उन्होंने इस मामले को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार की खंडपीठ ने सुजय कृष्ण भद्र की याचिका में कुछ तकनीकी खामियों पर सवाल उठाए हैं।

भद्र के वकील ने यह दावा करते हुए पीठ से संपर्क किया कि आवाज नमूना परीक्षण के लिए अनुमानित आदेश बुधवार दोपहर न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल न्यायाधीश पीठ द्वारा बंद कमरे में सुनवाई के दौरान दिया गया था।

याचिका में भद्र के वकील ने तर्क दिया कि चूंकि उनके मुवक्किल से संबंधित एक और समान मामला न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एक अन्य एकल पीठ में लंबित है, इसलिए न्यायमूर्ति सिन्हा की पीठ आवाज नमूना परीक्षण के लिए आदेश नहीं दे सकती है।

हालांकि, डिवीजन बेंच ने भद्र के वकील के इस तर्क पर सवाल उठाए और उनसे पूछा कि क्या उनके पास अनुमानित आदेश की प्रति है। अपने जवाब में भद्र के वकील ने कहा कि चूंकि बुधवार दोपहर को न्यायमूर्ति सिन्हा की पीठ में सुनवाई बंद कमरे में हुई, इसलिए आदेश या कार्यवाही की कोई प्रति उनके पास उपलब्ध नहीं है।

इसके बाद, डिवीजन बेंच ने भद्र के वकील को निर्देश दिया कि वह पहले उस बंद कमरे में हुई सुनवाई के आदेश या कार्यवाही की एक प्रति प्राप्त करें।