कोलकाता, 09 जुलाई । जूट कमिश्नर मलय चंदन चक्रवर्ती ने मंगलवार को कहा कि जूट उद्योग में ऑर्डरों की कमी और कुछ मिलों द्वारा श्रम समझौतों का पालन न करने जैसी समस्याओं का करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

सोमवार को पश्चिम बंगाल के श्रम मंत्री मलय घटक और भारतीय जूट मिल्स एसोसिएशन (इज्मा) के प्रतिनिधियों के साथ हुई एक घंटे की बैठक में, मिलरों के सामने आने वाली चुनौतियों को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिनमें जूट बैग ऑर्डरों की कमी के कारण संचालन के दिनों और कार्य शिफ्टों में कमी शामिल है।

इस पर मंगलवार को चक्रवर्ती ने कहा कि मैंने बैठक के बाद केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्रालय और राज्य सरकारों से खाद्य पैकेजिंग के लिए जूट बैग ऑर्डर बढ़ाने का अनुरोध किया है। हम सेक्टोरल चिंताओं को दूर करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।”

बैठक के दौरान, राज्य मंत्री ने मिलों के लिए कम ऑर्डर वॉल्यूम पर चिंता व्यक्त की और श्रम बकाया के संबंध में त्रिपक्षीय श्रम समझौते का पालन न करने वाली मिलों की सूची प्रस्तुत की। उन्होंने कमीशनर से इन मिलों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का अनुरोध किया। घटक ने कमीशनर से अनुरोध किया कि वे गैर-अनुपालन मिलों के साथ ऑर्डर न दें।

ट्रेड यूनियन सूत्रों ने बताया कि 14 से अधिक मिलें श्रम बकाया का भुगतान नहीं कर रही हैं। ये मिलें इज्मा की सदस्य नहीं हैं, लेकिन पिछले त्रिपक्षीय वेतन समझौते की हस्ताक्षरकर्ता हैं। ये उत्तर बंगाल क्षेत्र में स्थित हैं। इज्मा के एक अधिकारी ने कहा कि ये छोटी जूट मिलें उत्तर बंगाल में उद्योग-मानक मजदूरी और लाभों का भुगतान न करके समान अवसरों को बाधित कर रही हैं।