जयपुर, 6 फ़रवरी। राजस्थान हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। राजभवन में आयोजित गरिमापूर्ण समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने उन्हें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। इसके पूर्व मुख्य सचिव सुधांश पंत ने राज्यपाल की अनुमति लेकर राष्ट्रपति की ओर से जारी सीजे का नियुक्ति वारंट पढ़ा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद, हाईकोर्ट के अन्य न्यायाधीश और न्यायिक अधिकारियों सहित सहित कई वकील मौजूद रहे। शपथ ग्रहण समारोह के बाद उपस्थित गण्यमान्य लोगों ने सीजे एमएम श्रीवास्तव को बधाई दी।
जस्टिस एमएम श्रीवास्तव का जन्म 6 मार्च, 1964 को बिलासपुर में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा के साथ-साथ कानून की पढ़ाई बिलासपुर में ही की। इन्होंने के आर लॉ कॉलेज से स्वर्ण पदक के साथ एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। 5 अक्टूबर, 1987 को श्रीवास्तव बार काउंसिल ऑफ मध्य प्रदेश में नामांकित हुए और उन्होंने वकालत शुरू की। इस दौरान श्रीवास्तव आयकर विभाग, नगर परिषद रायपुर और छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत संगठनों और निगम के स्थाई वकील रहे। श्रीवास्तव 31 जनवरी, 2005 को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित हुए और 10 दिसंबर, 2009 को उन्हें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया। 18 अक्टूबर, 2021 को उन्हें राजस्थान हाई कोर्ट में स्थानांतरित किया गया था। हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्त होने के बाद इन्हें कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। हाई कोर्ट में पदस्थापित होने के दौरान वे राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे। इनकी मॉनिटरिंग में प्राधिकरण की ओर से आयोजित होने वाली लोक अदालतों में रिकॉर्ड मुकदमे तय हुए। सीजे श्रीवास्तव अपने अनुशासन और मृदुभाषी होने के लिए जाने-पहचाने जाते हैं।