कोलकाता, 21 दिसंबर। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने अपनी कोर्ट का बहिष्कार कर रहे वकीलों से व्यक्तिगत रूप से अदालत में आने का अनुरोध किया है। न्यायाधीश द्वारा दिए गए एक आदेश के विरोध में वकीलों के एक समूह ने उनकी अदालत के बहिष्कार का आह्वान किया। जज ने गुरुवार को वकीलों के संगठन के कार्यालय में जाकर उनसे मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मैं आपसे किसी भी गलतफहमी को दूर करने का अनुरोध करता हूं। कोर्ट को पहले की तरह चलने दिया जाए।

जस्टिस गांगुली दोपहर करीब डेढ़ बजे कलकत्ता हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के कोर्ट नंबर दो में गए। जस्टिस विश्वजीत बोस उन्हें अपने साथ ले गए। जज ने बार एसोसिएशन कक्ष में माइक पर अपने भाषण की घोषणा की लेकिन उससे पहले उन्हें वकीलों के साथ शिष्टाचार का आदान-प्रदान करते देखा गया। न्यायमूर्ति गांगुली ने उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील अशोक कुमार बनर्जी से भी बातचीत की।

इसके बाद जज ने कहा कि मैं आपसे किसी भी गलतफहमी को दूर करने का अनुरोध करता हूं। मैं आपका आदमी हूं। मैं इस ”बार” में आया हूं। आपके साथ कोई भी रिश्ता ख़राब नहीं हो सकता। वकीलों के प्रति मेरे मन में सम्मान और प्यार है। जो हुआ उसे कोई बुरा नहीं मानेगा।आइए जो हुआ उसे भूल जाएं और फिर से साथ मिलकर काम करें।

घटना की शुरुआत पिछले सोमवार को हुई। एक वकील के व्यवहार से नाराज जस्टिस गांगुली ने उसे शेरिफ को सौंप दिया। हालांकि बाद में उन्होंने वह आदेश वापस ले लिया लेकिन वकीलों के एक समूह ने इसका विरोध किया। उन्होंने घोषणा की कि वे जस्टिस गांगुली की अदालत का बहिष्कार करेंगे। बार एसोसिएशन के सचिव विश्वरता बसु मल्लिक ने भी बाद में कहा कि जब तक जज इस घटना के लिए वकील और बार से माफी नहीं मांगते तब तक विरोध जारी रहेगा।

इसके बाद मंगलवार और बुधवार को जज कोर्ट नहीं आये लेकिन गुरुवार सुबह अपनी कोर्ट में बैठे लेकिन हाईकोर्ट के कमरा नंबर 17 में उनके कोर्ट रूम में अन्य दिनों की तरह वकीलों की भीड़ नहीं थी। 11 मामलों में से पांच मामलों की सुनवाई हुई। इनमें से दो मामलों में तो वकील थे, लेकिन बाकी तीन मामलों में वादियों ने सवाल किए। स्थिति को देखते हुए जज ने सभा में बैठे-बैठे ही कहा कि वह खुद बार एसोसिएशन जाएंगे। वकीलों से अनुरोध करेंगे। जानना चाहते हैं कि उसने उसके खिलाफ फैसला क्यों किया? इसके बाद घटना में तब मोड़ आया जब दोपहर के वक्त जज बार रूम में गए।