नई दिल्ली, 9 अगस्त । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने शुक्रवार को सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ राज्यसभा सांसद जया बच्चन के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आज की घटना बेहद निंदनीय है और एक तरह से लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है। उन्होंने पिछले कुछ दिनों में विपक्ष के व्यवहार पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यसभा से घटनाओं की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष का व्यवहार बेहद असंसदीय, अनुशासनहीन और असम्मानजनक रहा है। विपक्ष मुद्दा विहीन है और अमर्यादित आचरण उनकी आदत बन गयी है।

दरअसल, राज्य सभा सदस्य जया बच्चन और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के बीच शुक्रवार को एक बार फिर वाद-विवाद का मामला समाने आया। सांसद ने उनपर उनका अपमान करने और उनसे “अस्वीकार्य” लहजे में बात करने का आरोप लगाया । अपना समर्थन देते हुए, विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा सभापति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और सदन से बाहर चले गए।

जे पी नड्डा ने कहा कि जिस तरह का व्यवहार विपक्ष द्वारा किया गया है, वह बहुत ही अशोभनीय और गैर-जिम्मेदाराना है। ये स्पष्ट है कि वह राजनीति के इतने निम्न स्तर पर आ गए हैं कि वो पार्टी और व्यक्ति का विरोध करते-करते अब देश का विरोध करने लगे हैं। वो विघटनकारी शक्तियां जो देश को खंडित करना चाहती हैं, उनके साथ प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप में विपक्ष को देखकर ये संशय होने लगा है कि क्या इन राष्ट्रीय और प्रादेशिक पार्टियों का एजेंडा देश को कमजोर करने का बन गया है। आज अपने व्यवहार के लिए विपक्ष को माफी मांगनी चाहिए।

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने जया बच्चन की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि वह स्कूली शिक्षा नहीं चाहते हैं और वह किसी स्क्रिप्ट पर नहीं चलते हैं । उनकी अपनी स्क्रिप्ट है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। जैसे ही विपक्षी सांसद बाहर चले गए, सभापति ने भारत छोड़ो आंदोलन की सालगिरह का जिक्र किया और कहा कि विपक्ष सदन छोड़ने को अपना कर्तव्य मानते हैं।

विपक्ष के रवैये को लेकर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे 6 बार लोकसभा और 6 बार विधानसभा का सदस्य रहे हैं, लेकिन विपक्ष का ऐसा अमर्यादित-अशोभनीय व्यवहार उन्होंने कभी नहीं देखा। ये केवल सभापति का अपमान नहीं है, अपितु ये देश के लोकतांत्रिक मूल्यों, लोकतंत्र और संविधान का अपमान है। आज ये सिद्ध हो गया है कि गैर-जिम्मेदार विपक्ष देश को अराजकता में झोंकने का प्रयास कर रहा है।

वहीं एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र के मानक हर दिन गिर रहे हैं, और यह देखना बहुत दर्दनाक है क्योंकि हम यहां लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करने के लिए आए हैं। हम यहां उन मुद्दों पर चर्चा करने और बातचीत करने के लिए आए हैं जो देश की भलाई और भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हम इस देश में हर तरह की चुनौतियां देखते हैं और हमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच एक सार्थक संवाद की आवश्यकता है।