कोलकाता, 20 फरवरी । संदेशखाली में अब मीडिया रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों को भी पुलिस ने गिरफ्तार करना शुरू कर दिया है। ताजा घटनाक्रम में, बांग्ला समाचार चैनल रिपब्लिक बांग्ला के साथ काम करने वाले एक रिपोर्टर को , जो पिछले सप्ताह वहां तनाव फैलने के बाद से उत्तर 24 परगना जिले के संकटग्रस्त संदेशखाली से ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा था, उसे सोमवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। राज्य पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार रिपोर्टर संतू पान के खिलाफ सटीक आरोपों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि एक स्थानीय महिला द्वारा उनके और उनके कैमरामैन के खिलाफ दर्ज कराई गई अतिक्रमण की शिकायत के बाद सोमवार शाम को संदेशखली से रिपोर्टिंग करते समय उन्हें पकड़ लिया गया।

बशीरहाट के डीएसपी हुसैन मेहदी रहमान ने मीडियाकर्मियों को बताया कि शिकायत करने वाली महिला ने दावा किया कि रिपोर्टर अपने कैमरामैन के साथ उसके घर में घुस गया और रिकॉर्डिंग शुरू कर दी, जिसके लिए वह तैयार नहीं थी। संतू पान को मंगलवार को बशीरहाट की निचली अदालत में पेश किया जाएगा। इस बीच, राज्य में विपक्षी नेताओं ने गिरफ्तारी के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की है और इसे मीडिया पर एक अभूतपूर्व हमला बताया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि गिरफ्तारी से पता चलता है कि राज्य सरकार संदेशखाली की घटनाओं को दबाने के लिए कितनी बेचैन है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर एक बड़ा, अमानवीय और सीधा हमला है।

राज्य कांग्रेस नेता और कलकत्ता उच्च न्यायालय में वकील कौस्तव बागची ने कहा कि यह साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी सरकार के खिलाफ थोड़ी सी भी प्रतिकूल कवरेज या आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकतीं। बागची ने कहा, “वह चाहती हैं कि हर कोई उनकी और उनकी सरकार की प्रशंसा करे। जो लोग ऐसा नहीं करेंगे, उन्हें पुलिस के मार्फत राज्य प्रशासन के क्रोध का सामना करना पड़ेगा।”

विधानसभा में एआईएसएफ के एकमात्र प्रतिनिधि नौशाद सिद्दीकी ने पत्रकार की गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि मीडिया पर ऐसा हमला पश्चिम बंगाल में कभी नहीं देखा-सुना गया था।