गुवाहाटी, 4 जुलाई । केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्मृति शरण ने असम के चंद्रपुर क्षेत्र में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ और मोरीगांव जिले के मायंग क्षेत्र में स्थित जेंडर रिसर्च सेंटर का दौरा किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य विभिन्न लिंग आधारित कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा करना और ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे सामाजिक परिवर्तनों का क्षेत्रीय अध्ययन करना था।

उनके साथ नेशनल मिशन मैनेजमेंट यूनिट (एनएमएमयू), डीएवाई-एनआरएलएम की सलाहकार सुनंदिता बनर्जी भी रहीं। इस दौरे के दौरान उन्होंने महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में समुदाय आधारित संगठनों की भूमिका को करीब से समझा।

संयुक्त सचिव ने दौरे के दौरान जेंडर रिसर्च सेंटर के संचालन समिति के सदस्य, सीएलएफ एसएसी के प्रतिनिधि, स्वयं सहायता समूहों की कार्यकर्ताओं और विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों से विचार-विमर्श किया।

उन्होंने सीएलएफ कार्यालय का निरीक्षण किया और महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की प्रदर्शनी भी देखी, जो स्थानीय महिलाओं की कौशल, रचनात्मकता और उद्यमशीलता को दर्शाती है।

जेंडर रिसर्च सेंटर की सदस्यों ने उन्हें अपनी जमीनी अनुभव, सफलता की कहानियां सुनाने केे साथ यह भी बताया कि जेंडर आधारित कार्यों ने किस प्रकार से गांवों में सकारात्मक बदलाव लाया है।

मोरीगांव के उपायुक्त, असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के राज्य मिशन निदेशक, मोरीगांव के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जागीरोड की समाहर्ता समेत कई इन्य गणमान्य व्यक्ति भी दौरे के दौरान उनके साथ मौजूद रहे। इन सभी की भागीदारी से यह स्पष्ट हुआ कि लैंगिक संवेदनशील ग्रामीण विकास के लिए संस्थागत समन्वय और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।

यह दौरा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत चल रहे लैंगिक समावेशी कार्यों को और मजबूती देने के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं की सक्रियता और सशक्तिकरण को लेकर मंत्रालय की प्रतिबद्धता को और दृढ़ करता है।