पूर्वी सिंहभूम, 27 मई। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने मंगलवार को परंपरागत हथियार के साथ सरना धर्म कोड की संवैधानिक मान्यता की मांग को लेकर जिला मुख्यालय के समक्ष जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान आदिवासी अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई को निर्णायक रूप देने की चेतावनी दी गई।

झामुमो के केंद्रीय निर्देशानुसार जिले के विभिन्न प्रखंडों से सैकड़ों कार्यकर्ता और नेता पारंपरिक परिधानों में एकत्र हुए और सांस्कृतिक एकता के साथ सरना धर्म कोड की मांग को लेकर एकजुट होकर सरकार की नीतियों का विरोध किया। प्रदर्शन में विधायक मंगल कालिंदी, समीर मोहंती, कुणाल सारंगी, सुमन महतो, मोहन कर्माकर, सागेन पूर्ति, सुनील महतो मीता सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। सभी नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक आदिवासी समाज को अलग धार्मिक पहचान नहीं दी जाती, तब तक जातीय जनगणना नहीं होने दी जाएगी।

धरना स्थल पर जोरदार नारेबाजी और बैनरों से वातावरण गूंजता रहा। सभा के बाद प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त कार्यालय जाकर ज्ञापन सौंपा। इसमें सरना धर्म कोड की मान्यता और जातीय जनगणना के विरोध को लेकर मांगें दर्ज थीं। नेताओं ने कहा कि यह आंदोलन की शुरुआत है और यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो राज्यव्यापी आंदोलन होगा।