
रांची, 18 दिसम्बर । झारखंड राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारियों के लिए राज्य सरकार ने एक अहम और ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी संकल्प के तहत राज्य के कुल 8659 आंदोलनकारियों को चिन्हित किया गया है। यह सूची 38वीं संपुष्ट सूची के रूप में जारी की गई है, जिसमें झारखंड के सभी 24 जिलों के आंदोलनकारी शामिल हैं। सरकार के इस फैसले से वर्षों से सम्मान और अधिकार की प्रतीक्षा कर रहे आंदोलनकारियों और उनके परिवारों में खुशी की लहर है।
जारी संकल्प के अनुसार, चिन्हित आंदोलनकारियों को उनके जीवनकाल तक सम्मान पेंशन दी जाएगी। साथ ही, आंदोलनकारी की मृत्यु के बाद उनके एक आश्रित को भी जीवनभर सम्मान पेंशन देने का प्रावधान किया गया है। पेंशन की राशि आंदोलन के दौरान झेली गई कारावास की अवधि के आधार पर तय की गई है। तीन माह से कम कारावास झेलने वाले आंदोलनकारियों को 3500 रुपये प्रतिमाह, तीन से छह माह के बीच कारावास वालों को 5000 रुपये प्रतिमाह और छह माह से अधिक कारावास भुगतने वालों को 7000 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी।
इसके अलावा सरकार ने आंदोलनकारियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी में भी विशेष लाभ देने का निर्णय लिया है। पुलिस फायरिंग या कारावास के दौरान स्थायी रूप से मृत अथवा 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग हुए आंदोलनकारियों के आश्रित परिवार के एक सदस्य को उसकी शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप राज्य सरकार के तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय पदों पर सीधी नियुक्ति दी जाएगी। अन्य सभी चिन्हित आंदोलनकारियों के मामलों में एक आश्रित को तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय पदों पर सरकारी नियुक्ति में 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा।
जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो बोकारो में सबसे अधिक 881 आंदोलनकारी चिन्हित किए गए हैं। इसके बाद रामगढ़ में 792, देवघर में 767 और दुमका में 748 आंदोलनकारियों को सूची में शामिल किया गया है। वहीं, पाकुड़ में 13 और सिमडेगा में 34 आंदोलनकारी चिन्हित हुए हैं। राजधानी रांची से 255 आंदोलनकारियों का नाम सूची में दर्ज है।







