
रामगढ़, 05 जुलाई । झारखंड के रामगढ़ के सीसीएल कुजू प्रक्षेत्र के करमा परियोजना के खदान में शनिवार को सुबह चाल धंसने से चार मजदूरों की मौत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। रामगढ़ डीसी फ़ैज़ अक अहमद मुमताज ने कहा कि हादसे की गहन जांच की जाएगी और इसके लिए
जिम्मेदार दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उधर, घटनास्थल पर लोग शव को रखकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
डीसी ने इस पूरे मामले का गंभीरता पूर्वक जांच करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि 19 जून को जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की बैठक में इन्हीं दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। इसके बावजूद करमा खदान में आज सुबह हादसा हो गया,
जिसमें चार मजदूरों की जान चली गयी। उन्होंने कहा कि सीसीएल के सभी जीएम को एक बार फिर निर्देश भेजा जाएगा। जिस क्षेत्र में घटना हुई है वहां के जीएम को शो-कॉज नोटिस भी भेजा जाएगा।
बेपरवाह सीसीएल को सुधार नहीं सकी डीसी की चेतावनी-
सीसीएल के जीएम से लेकर माइंस में मौजूद अधिकारियों की बेपरवाही से आज चार मजदूरों की जान चली गई। सबसे बड़ी बात यह है कि डीसी फ़ैज़ अक अहमद मुमताज की चेतावनी भी बेपरवाह सीसीएल को जगा नहीं पाई। इतने बड़े हादसे की जिम्मेदारी किसके सिर पर जाएगी, यह कह पाना मुश्किल है। सीसीएल के सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी क्या है और किस तरह वे उसे निभा रहे हैं, यह भी अब इस हादसे के बाद स्पष्ट हो गया है।
अवैध माइनिंग के खिलाफ जिला प्रशासन के हैं सख्त तेवर-
हालांकि चाल धंसने की घटना कोयलांचल में पहली बार नहीं हुई है। लेकिन यह पहली बार जरूर हुआ है जब सीसीएल के खदानों में अवैध माइनिंग को बंद करने के लिए जिला प्रशासन ने कड़े तेवर दिखाए हैं। डीसी ने कहा कि सीसीएल के सीएमडी को भी खदानों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ के जवानों को तैनात करने का निर्देश भी दिया जा चुका है। जिला प्रशासन खनन टास्क फोर्स की बैठक में निर्देश तो देता है, लेकिन सीसीएल उन निर्देशों को अपने कूड़ेदान में डाल देता हैं।
उल्लेखनीय है कि करमा के महुआटुंगरी के ग्रामीण शनिवार की भाेर में सीसीएल के लीज एरिया करमा परियोजना में कोयला चोरी करने पहुंचे थे। इसी दौरान अवैध खनन के दौरान कोयला का एक बड़ा हिस्सा धंस गया। इसमें चार लोग दब गए और चारों की मौत हो गई। घटना के बाद जेएलकेएम के नेता बिहारी महतो पहुंचे और मुआवजा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। समाचार लिखे जाने तक घटनास्थल पर लोग शव को रखकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। समाचार लिखे जाने तक सीसीएल प्रबंधन, जिला प्रशासन और ग्रामीणों के बीच वार्ता चल रही थी।