
रांची, 21 जुलाई । भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज ने कहा कि बेटियों पर डायन प्रथा, दुष्कर्म और अपहरण के कहर के बावजूद झारखंड सरकार मौन है। उन्होंने कहा कि झारखंड में हाल के दिनों में महिलाओं और नाबालिग बच्चियों पर अत्याचार की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जो प्रदेश की कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राफिया ने कहा कि एक ओर सरकार महिला सशक्तीकरण की बात करती है, वहीं दूसरी ओर राज्य की बहन-बेटियां भय, हिंसा और शोषण के माहौल में जीने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड की ज़मीन इस वक्त चीख रही है। वह महिलाओं व बेटियों के खून और आंसुओं से भीग चुकी है, पर सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने सरकार की कार्यशैली को जनविरोधी, असंवेदनशील और महिला विरोधी करार देते हुए तीखी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि हजारीबाग के बरही गांव में डायन प्रथा के नाम पर एक महिला को निर्वस्त्र कर बर्बरतापूर्वक पीटा गया। उसके शरीर को ब्लेड से काटा गया। उसके बाल काटे गए और उसे भीड़ के सामने अपमानित किया गया। उन्होंने कहा कि यह घटना इस बात का प्रमाण है कि झारखंड सरकार न तो डायन प्रथा उन्मूलन कानून को लागू करने में सक्षम है और न ही समाज में अंधविश्वास के खिलाफ कोई जागरूकता फैलाई जा रही है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून होने के बावजूद अगर ऐसी अमानवीय घटनाएं हो रही हैं, तो यह सरकार की गंभीर प्रशासनिक असफलता है। कोलेबिरा की दूसरी घटना पर अपनी प्रतिक्रिया उन्होंने कहा कि एक 13 वर्षीय नाबालिग बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म किया गया और उसका अश्लील वीडियो बनाकर उसे धमकाया गया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक अपराध नहीं, बल्कि एक नाबालिग की मानसिक और शारीरिक हत्या के बराबर है। उन्होंने कहा कि राज्य में डिजिटल अपराधों और महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के पास कोई ठोस नीति नहीं है। उन्होंने कहा कि इस घिनौने अपराध पर सरकार की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण है साथ ही आयोग की निष्क्रियता पीड़ितों के साथ अन्याय है।