नई दिल्ली, 20 नवंबर । केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने बुधवार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों के युवा एथलीटों और पैरा-एथलीटों से बातचीत की।

व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय और एयर राइफल शूटिंग में विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय अभिनव बिंद्रा भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, केवीएस की आयुक्त निधि पांडे और शिक्षा मंत्रालय, केवी और एनवी के अन्य अधिकारी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। 14 पुरस्कार विजेता छात्र-एथलीटों ने मंत्री और बिंद्रा के साथ बातचीत की और केवी और जेएनवी के सैकड़ों छात्र और शिक्षक इस कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े।

जयंत चौधरी ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि खेल चैंपियन केवल मैदान पर ही नहीं बनते; मैदान पर सफलता प्राप्त करने के लिए एक विशिष्ट मानसिकता, संरचित दृष्टिकोण और अनुशासन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय दोनों ही कम उम्र में विभिन्न धाराओं में प्रवेश प्रदान करने के इच्छुक हैं। बिंद्रा का उदाहरण देते हुए उन्होंने खुद को फिर से तलाशने और आजीवन सीखने को अपनाने के महत्व को रेखांकित किया, जैसा कि एनईपी 2020 में जोर दिया गया है।

अभिनव बिंद्रा ने छात्रों से बातचीत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि किस तरह खेल शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने अपने 22 साल के लंबे सफर और इस दौरान मिली सीख के बारे में संक्षेप में बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि खेलों ने उन्हें जीत और हार के बारे में नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत, निष्ठा और ईमानदारी, ध्यान से सुनना, नियमों, प्रतिस्पर्धियों, परिणामों और आत्म-सम्मान का सम्मान करना सिखाया।

संजय कुमार ने इस कार्यक्रम की परिकल्पना के लिए जयंत चौधरी का आभार व्यक्त किया और कहा कि बच्चों के बीच बिंद्रा की उपस्थिति प्रेरणा का स्रोत बनेगी। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि देश के छात्रों के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख घटकों और दृष्टिकोण को कैसे लागू किया जा रहा है।

14 छात्र-एथलीटों (केवी से छह और एनवी से आठ) ने अपनी उपलब्धियों और अनुभवों को अतिथियों के साथ साझा किया। इसके अतिरिक्त, वर्चुअल रूप से भाग लेने वाले कई छात्रों को बिंद्रा से अपने प्रश्न पूछने का अवसर मिला।