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नई दिल्ली, 01 मार्च। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याणमंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज जन औषधि दिवस सप्ताह की शुरुआत की। उन्होंने सप्ताह भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की ब्रांडिंग वाली वैन (रथ) को हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल और फार्मास्यूटिकल्स विभाग के सचिव अमित अग्रवाल भी उपस्थित कगे।
पीएमबीजेपी के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए यह रथ दिल्ली-एनसीआर में चलेंगे। यह अभियान आज से सात मार्च तक चलेगा। यह समारोह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू पीएमबीजेपी परियोजना का प्रमुख हिस्सा है। इसका उद्देश्य सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराकर देश के नागरिकों को सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है। ये वाहन (रथ) जन औषधि केंद्रों के लाभों के बारे में जानकारी प्रदान करने और प्रभावी और सुलभ जेनेरिक दवाओं तक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में घूमेंगे।
क्या है यह योजना
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 23 अप्रैल 2018 को घोषित एक योजना है। 2014-15 में जनऔषधि योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना किया। इस योजना में सरकार द्वारा उच्च गुणवत्ता वाली जेनरिक दवाइयों के दाम बाजार मूल्य से कम किए जा रहें है। सरकार द्वारा ‘जन औषधि स्टोर’ बनाए गए हैं। इनमें जेनरिक दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
यह दवाएं ब्रांडेड या फार्मा की दवाअयों के मुकाबले सस्ती होती हैं, जबकि प्रभाव उनके बराबर ही होता है। प्रधानमंत्री जन औषधि अभियान मूलत: जनता को जागरूक करने के लिए शुरू किया गया है ताकि जनता समझ सके कि ब्रांडेड मेडिसिन की तुलना में जेनेरिक मेडिसिन कम मूल्य पर उपलब्ध हैं साथ ही इसकी क्वालिटी में किसी तरह की कमी नहीं हैं। साथ ही यह जेनेरिक दवाएं मार्केट में मौजूद हैं जिन्हें आसानी से प्राप्त किया जा सकता हैं। इस योजना में आम नागरिकों को बाजार से 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर दवाइयां मुहैया कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार अब तक देश में सैकड़ों जन औषधि केंद्र खोल चुकी है।