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मुंबई, 23 जनवरी। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने आज पुणे में कहा कि जलगांव रेल हादसा अफवाह की वजह से हुआ। जलगांव के पास परधाड़े रेलवे स्टेशन के पास घटी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस दुर्घटना में 13 यात्रियों की मौत हो गई। इनमें 10 लोगों की पहचान हो गई है और तीन अज्ञात हैं, उनके शव क्षत-विक्षत हो गए हैं। इस बीच ट्रेन में सफर कर रहे एक शख्स ने कहा कि उनके तीन रिश्तेदार अभी भी लापता हैं। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पत्रकारों को बताया कि प्रशासन और अन्य एजेंसियों ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। श्रावस्ती के उधल कुमार और विजय कुमार ट्रेन में सवार थे। वे सामान्य डिब्बे में यात्रा कर रहे थे और ऊपरी बर्थ पर बैठे थे। पेंट्री में एक चाय विक्रेता ने चिल्लाकर बताया कि बोगी में आग लग गई है। दोनों ने यह सुना और चिल्लाने लगे। आग से बचने के लिए कुछ यात्री चलती ट्रेन से कूद गए। इस बीच एक व्यक्ति ने चेन खींच दी और ट्रेन रुक गई। कई यात्री ट्रेन से उतरकर रेल पटरी पार करने लगे। उसी समय, कर्नाटक एक्सप्रेस बहुत तेज गति से आई और रेलवे ट्रैक पार कर रहे यात्रियों को टक्कर मार दी। उन्होंने कहा कि घायलों में 8 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं। यह घटना उधल कुमार और विजय कुमार द्वारा फैलाई गई अफवाह के कारण हुई। दोनों घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है। प्रशासन को सभी घायलों को सरकारी खर्च पर उपचार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इस हादसे नेपाल से मुंबई आ रहे विश्वकर्मा परिवार के तीन सदस्य लापता हैं। तीनों के नाम नंदराम विश्वकर्मा, मैसरा विश्वकर्मा और हेमू विश्वकर्मा हैं। यह पूरा परिवार नेपाल से लखनऊ आया था और फिर लखनऊ से मुंबई आ रहे थे। उनके रिश्तेदारों के अनुसार, परिवार के अन्य सदस्य सुरक्षित हैं, लेकिन नंदराम विश्वकर्मा, उनकी पत्नी मैसारा विश्वकर्मा और दस वर्षीय बच्चा हेमू विश्वकर्मा लापता हैं। तीनों की तलाश के लिए रिश्तेदार सुबह पांच बजे से ही जिला अस्पताल में मौजूद हैं। इस घटना में मृतक नंदराम के बड़े भाई विक्रम विश्वकर्मा ने कहा है कि तीनों की तलाश की जाए और उनके बारे में कुछ जानकारी मुहैया कराई जाए।