तीखे सवाल मीठे जवाबों के बीच जयपुर डॉयलाग्स-2023 संपन्न
कला, धर्म व मूल्यों की रक्षा का आह्वान
राष्ट्रवादियों के महाकुंभ में रही धर्म और सनातन की गूंज
जयपुर, 05 नवम्बर। वर्ष 2014 से पहले घोटाले, धमाके व भ्रष्टाचार अखबारों व चैनलों की हैडलाइन होती थी। कालचक्र का पहिया घूमा तो देश की दशा व दिशा बदलती चली गई।
यह बात गुलाबी नगर जयपुर में आयोजित जयपुर डॉयलाग्स-2023 में उभर कर आई। राजनीतिक विश्लेषक, लेखक व जाने माने साहित्यकारों ने जयपुर डायलाग्स के दूसरे दिन रविवार को विभिन्न सत्रों में राष्ट्रधर्म, सभ्यता, इंडिया अलायंस, भारतीय शिक्षा नीति, भू-राजनीति और भू-अर्थव्यवस्था व इंडियन मिलिट्री समेत विभिन्न मुद्दों पर विचारों को धार दी।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कहा कि देश में चेतना का संचार हो चुका है। सनातन को डेंगू और वायरस बताने वालों का 2024 में क्या हाल होगा, सब जानते हैं। सनातन को मिटा देना इतना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले देश की पहचान घोटाले, भ्रष्टाचार व आए दिन के धमाकों से होती थी, लेकिन मिशन के साथ एक व्यक्ति आया और तो देश सर्व वर्ग के उत्थान व उत्कर्ष के मार्ग पर चल पड़ा। अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार आया तो आज हम दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहे हैैं। सीमाएं सुरक्षित हैं और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाने लगा है। लाल किले से लाल चौक पर तिरंगा शान से लहरा रहा है। नए दौर में प्रवेश कर चुका भारत में अब सनातन का स्वर्णिम काल है।
प्रारंभिक सत्र में वक्ता हर्षवर्धन त्रिपाठी ने कांग्रेस पर तंज कसते कहा कि देश में ओबीसी का हक गांधी परिवार ने मारा है। नेहरू, इंदिरा, राजीव व सोनिया क्या कहते रहे हैं, सब जानते हैं। मोदी सरकार में सबको सम्मान मिला है। देश में 85 सांसद ओबीसी से हैं।
प्रदीप भंडारी ने कहा, देश भर में लोगों को राशन, पैसा व सम्मान मिला है। वरिष्ठ पत्रकार और विश्लषक भाउ तोरषेकर ने कहा, कांग्रेस ओपीएस पर लोगों को भरमा रही है। वक्ता औंकार चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार में यूपी की बड़ी भूमिका है। वरिष्ठ लेखक सीके राजू ने देश में वर्तमान शिक्षा की स्थिति को लेकर कहा कि शिक्षा का भारतीयकरण नहीं होकर बेहतरीकरण होना चाहिए। इसमें भारतीय कालगणना में वेज्ञानिक पहलुओं को शामिल करने की जरूरत बताई। वक्ता स्वरूप संपत ने शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षा-शिक्षक व इतिहास के महत्व को जनने पर बल दिया। वक्ता नीरज अत्री ने कहा कि नीचे से सुधार करते हुए खराब सिस्टम को हटा सकते हैं।
इसी तरह वक्ता आदित्य सत्संगी ने भारतीय विश्वविद्यालयों को पश्चिमी प्रभाव से दूर करने की बात कही। इस मौके पर आदित्य सत्संगी की पुस्तक द ऑरिजनल एटलस, संदीप बालाकृष्णन की पुस्तक इनवेडर्स एंड इनफीडल्स तथा पत्रकार प्रखर श्रीवास्तव की पुस्तक हे राम का विमोचन जयपुर डायलाग्स के चेयरपर्सन संजय दीक्षित ने किया।
रिक्लेमिंग अवर सिविलाइजेशन विषयक तीसरे सत्र में वक्ता पंकज सक्सेना ने कहा कि अंग्रेजों ने संस्था और संस्थानों से हमारा धर्मांतरण किया। भाषायी आक्रमण, शिक्षा को शस्त्र की तरह प्रयोग कर सनातन तथा अपने धर्म को पढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया। वक्ता भरत गुप्त ने कहा कि एतिहासिक सत्य को बदलने का प्रयास किया गया। हमें कला, धर्म और मूल्यों की रक्षा करनी होगी। पूर्व आईएएस अविनाश धर्माधिकारी ने कहा कि हम सबको धर्म की संकल्पना को लेकर चलना होगा। डिजिटल डिवाइड और एआई विषय पर संक्रांत सानु, सुनिल शर्मा, डॉ अभय जेरे व सुमित पीर ने भी विचार रखे। इस सत्र का संचालन डॉ अजय डाटा ने किया। मंच संचालन प्रणय भारद्वाज ने किया।
वक्ता भरत गुप्त ने कहा कि सैकड़ों वर्षों से कुचक्र रचकर मिजोरम से वायनाड तक देश की सरहदों पर इस्लामी या ईसाई धर्म के लोगों को काबिज करवाया गया।
ज्ञानव्यापी प्रकरण से जुड़े नामचीन वकील विष्णु शंकर जैन ने राममंदिर और ज्ञानव्यापी जैसे मामलों का खुलासा करते हुए श्रोताओं में जोश भर दिया। जैन ने कहा कि राम मंदिर के मामले में भले ही 70 साल लगे, लेकिन ज्ञानवापी मामले में महज 3 साल में जीत की दहलीज पर आ हुए हैं। सनातन धर्म की लड़ाई सकारात्मक फैसला लाती है।
वक्ता ओंकार चौधरी ने दिल्ली की सड़कों के मुगल नामकरण पर रोष जताया। प्रदीप भंडारी ने सीएम योगी के अपराध नियंत्रण की बात करते हुए कहा की बुलडोजर अब देश ही नहीं, विदेशों में भी रोल मॉडल बन चुका है।