मोहनखेड़ा (धार),5 अक्टूबर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे हमला बोलते हुए कहा कि वे अपने संबोधन में जितनी बार कांग्रेस का नाम लेते हैं, उतनी बार विकास का नाम ले लें, तो बेहतर होगा।
श्रीमती वाड्रा मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले राज्य के मालवा क्षेत्र के आदिवासीबहुल धार जिले के मोहनखेड़ा में पार्टी की जनाक्रोश रैली को संबोधित कर रहीं थीं। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
इंदौर संभाग के धार जिले में अपने संबोधन में कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वे आज मोदी का संबोधन सुन रहीं थीं। उन्होंने 50 मिनट में 50 बार कांग्रेस का नाम लिया। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि वे मोदी से उम्र और अनुभव में छोटी हैं, लेकिन उन्हें एक सलाह देना चाहती हैं कि जितनी बार वे कांग्रेस का नाम लेते हैं, उतनी बार विकास का नाम ले लें, तो शायद बेहतर होगा। मोदी बताएं कि 18 साल की भाजपा सरकार ने इंदौर संभाग के लिए क्या किया।
अपने लगभग 40 मिनट के संबोधन में श्रीमती वाड्रा ने स्थान-स्थान पर हो रही प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कोई अगर कुछ लिखता भी है तो उसके यहां ईडी पहुंच जाती है। अब ईडी फिल्मी सितारों के घर भी पहुंच रही है, लेकिन ईडी कभी मध्यप्रदेश में क्यों नहीं आती।
उन्होंने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में मां नर्मदा और भगवान महाकाल के साथ भी भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने राज्य में 18 साल में ढाई सौ से ज्यादा घोटाले होने का आरोप लगाया।
श्रीमती वाड्रा ने आरोप लगाया कि चुनाव आने के चलते प्रधानमंत्री हर दूसरे दिन मध्यप्रदेश आकर करोड़ों रुपए के विकास कार्य होना बता रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री को 18 साल में इन उद्घाटनों का समय नहीं मिला।
कांग्रेस नेत्री ने प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने की स्थिति में किसान कर्जमाफी, पुरानी पेंशन लागू करने, 500 रुपए में सिलेंडर देने, महिलाओं को प्रति माह डेढ़ हजार रुपए देने और पांच हॉर्सपावर की सिंचाई की बिजली मुफ्त देने की पार्टी की गारंटी भी दोहराईं। उन्होंने कहा कि लोग अपने बच्चों के भविष्य के बारे में विचार कर चुनाव में अपना वोट दें।
संविधान में सभी को समान अधिकार, फिर क्यों नहीं हो रही जातिगत जनगणना
प्रियंका गांधी ने महिला आरक्षण और जातिगत जनगणना के मुद्दे पर कहा कि जब संविधान ने देश में सभी को समान अधिकार दिए हैं तो सरकार जातिगत जनगणना क्यों नहीं करा रही।
श्रीमती वाड्रा ने अपने संबोधन में आदिवासियों और महिलाओं को केंद्र में रखा। उन्होंने महिला आरक्षण के मुद्दे पर पार्टी का रुख रखते हुए कहा कि कांग्रेस ने इसका समर्थन किया, लेकिन बाद में ये पता चला कि ये आरक्षण 10 साल बाद लागू होगा और इसके पहले जातिगत जनगणना और परिसीमन आवश्यक है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि जब ये 10 साल बाद लागू होगा तो इसका मतलब क्या है। उन्होंने कहा कि क्या सरकार ने महिलाओं को मजाक समझा है।
उन्होंने महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि ये आरक्षण महिलाओं का अधिकार है। महिलाओं के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को भी घेरते हुए कहा कि मध्यप्रदेश महिलाओं और बच्चियों के गायब होने के मामले में पहले नंबर पर है।
श्रीमती वाड्रा ने मोहनखेड़ा के पास स्थित अमका-झमका मंदिर से जुड़े कृष्ण-रुक्मिणी प्रसंग का संदर्भ देते हुए कहा कि जिस प्रकार रानी रुक्मिणी ने कृष्ण को दुनिया भर के लांछन से बचाने के लिए रथ के घोड़े की कमान अपने हाथ में ली, उसी प्रकार अब महिलाओं को अपने बच्चों के भविष्य की ‘लगाम’ अपने हाथ में लेनी होगी।
राज्य के पश्चिमी हिस्से में स्थित धार जिले के इस मंदिर के संबंध में मान्यता है कि यहीं से श्री कृष्ण ने रुक्मिणी का हरण किया था। श्रीमती वाड्रा इसी संदर्भ में बोल रहीं थीं। स्थानीय आदिवासियों के बीच ये मंदिर श्रद्धा का बड़ा केंद्र है।
श्रीमती वाड्रा ने आदिवासीबहुल इस क्षेत्र के अपने दौरे के दौरान आदिवासियों को अपनी दादी स्वर्गीय इंदिरा गांधी से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि स्वगीय इंदिरा गांधी ने हमेशा आदिवासियों को मजबूत बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कभी आदिवासियों की परंपराओं को बदलने की कोशिश नहीं की।
उन्होंने कहा कि उनकी दादी बहुत बड़ी हस्ती थीं। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी महापुरुष तब बन पाता है, जब वो जनता के साथ भरोसे का रिश्ता जोड़ता है। उन्होंने कहा कि उनकी दादी दिन-रात लोगों के लिए काम करती थीं और उनका किसी से भी इकतरफा रिश्ता नहीं था।
उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव के पहले जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि संविधान से सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं, तो फिर देश में जातिगत जनगणना क्यों नहीं हो रही। उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर चुप हो जाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि बिहार ने हाल ही में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए हैं। उसके हिसाब से वहां ओबीसी, दलित और जनजाति वर्ग की 84 फीसदी आबादी है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि जब इस वर्ग की इतनी आबादी है तो क्या इस वर्ग की बड़े-बड़े पदों पर भी इतनी ही भागीदारी है।