कोलकाता, 15 मई । तृणमूल कांग्रेस के लोकप्रिय उम्मीदवार और तीसरी बार सांसद बनने के लिए चुनाव लड़ रहे दीपक अधिकारी उर्फ देव ने चुनावी हिंसा पर बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की संस्कृति को बदलने की सख्त जरूरत है और इसकी प्रमुख जिम्मेदारी राज्य के नेताओं की है।

राज्य में तीन चरणों का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से बीतने और चौथे चरण में कुछ हिस्सों में हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आने के बाद देव ने दावा किया कि उन्होंने राज्य के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र घाटाल में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान सुनिश्चित करने की शुरुआत की है।

देव ने कहा, ”बेशक मैं हिंसा की घटनाओं से चिंतित हूं और यही कारण है कि मैं अपने चुनाव-प्रचार अभियान के दौरान अपमानजनक भाषा का उपयोग करने से परहेज करता हूं। मैं कभी भी ऐसा कुछ नहीं कहता जिससे मेरे समर्थकों और अन्य लोगों के बीच विवाद पैदा हो। मेरा मानना है कि यह विशेष रूप से नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे अपने कार्यकर्ताओं को हिंसा में शामिल होने से रोकें। यह बंगाल के लिए उतना ही सच है जितना देश के बाकी हिस्सों के लिए है।”

अभिनेता से नेता बने देव ने तृणमूल के उम्मीदवार और पद्मश्री कालीपदा सोरेन के समर्थन में झाड़ग्राम में एक रोड शो के बाद ये बात कही।

देव ने कहा, ”नेताओं और उनके समर्थकों दोनों को बदलने की जरूरत है। मतदाताओं को उन लोगों के पक्ष में मत करना चाहिए जो योग्य हैं और जो उनके जीवन में बदलाव लाएंगे। उन्हें उन नेताओं को मत देना चाहिए जो लोगों का सम्मान करते हैं, न कि उन लोगों को जो मंच पर बकवास करते हैं।’

उन्होंने कहा, ”मैं दुनिया को नहीं बदल सकता, लेकिन अगर मैं खुद को बदल सकता हूं और अगर लोग मुझमें उस बदलाव को देख कर कुछ सीख सकते हैं तो मुझे लगता है कि मेरा काम पूरा हो गया।’’