नई दिल्ली, 28 मार्च। राष्ट्रीय आयुष सम्मेलन के संयोजक डॉ. बिपिन कुमार ने कहा है कि आयुष देश की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धित है। इसे सारी दुनिया में पहुंचाना जरूरी है। आयुष संवर्द्धन के लिए डॉ. बिपिन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। साथ ही आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके प्रयासों से आयुष देश-विदेश में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। उन्होंने यह उद्गार राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित नेशनल आयुष सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किए।
इस सम्मेलन का आयोजन आयुष्मान और इंटीग्रेटेड आयुष काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। डॉ. बिपिन कुमार ने कहा कि आज प्रशिक्षित आयुष सहायकों की अत्यंत आवश्यकता है। अगर इनकी पर्याप्त व्यवस्था हो तो चिकित्सा जगत में क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सकता है। वर्तमान परिदृश्य में आयुष का महत्व पहले से कहीं अधिक बढ़ा है। आयुष स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और पहुंच में वृद्धि हुई है। आयुष शिक्षा और अनुसंधान को मजबूती मिली है। सम्मेलन विभिन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन का विषय “विकसित भारत का आधार-आयुष से आरोग्य” था।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में रामकृष्ण मिशन आश्रम, दिल्ली के सचिव स्वामी सर्वलोकनंद महाराज एवं वरिष्ठ आरएसएस प्रचारक रवि कुमार अय्यर ने भी विचार रखे। स्वामी सर्वलोकनंद ने आयुष की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए आयुर्वेदिक-योग चिकित्सा पद्धति की सराहना की।अय्यर ने आयुर्वेद एवं होम्योपैथी के महत्व पर बात की। उन्होंने मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना की तारीफ की। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर से स्वस्थ मन और स्वस्थ मन से स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है। साथ ही जल,वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को ग्रामीण अंचलों के रोचक उदाहरणों से प्रस्तुत किया। रवि कुमार अय्यर ने इस दौरान केंद्र सरकार की कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजनाओं का जिक्र किया, जिनमें आयुष्मान भारत एवं तालाबों की स्वच्छता की ‘अमृतसरोवर परियोजना’ प्रमुख हैं।
विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्र सरकार के अपर सचिव शांतमनु, इंटीग्रेटेड आयुष काउंसिल के अध्यक्ष एवं प्रख्यात चिकित्सक डॉ. सृष्टा नड्डा, लेडी हार्डिंग अस्पताल के निदेशक डॉ. सुभाष गिरी, एम्स के कार्डिऑलॉजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष पद्मश्री डॉ. सुभाष चंद मनचंदा के अलावा डॉ. अखिलेश शर्मा, डॉ.अपर्णा रॉय, अरुणिमा सिन्हा, प्रख्यात मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. बिश्वरूप रॉय चौधरी, पद्मभूषण वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा, डॉ. नीता कुमार ग्लोबल ओपन यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति प्रियरंजन त्रिवेदी, इंदिरा गांधी प्रौद्योगिकी एवं चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मार्कण्डेय राय, इंटीग्रेटेड आयुष काउंसिल के उपाध्यक्ष प्रो. बीएन पांडे ,डॉ. उमेश शर्मा, प्रियरंजन त्रिवेदी और डॉ. ब्रह्मानंद पांडेय प्रमुख रूप से मौजूद रहे।