नयी दिल्ली, 23 नवंबर। युवाओं, महिलाओं और छात्रों के बीच नशा मुक्त भारत अभियान को प्रभावी रूप से चलाने के लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के बीच एमओयू हुआ है।

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने गुरुवार को यहां हस्ताक्षर समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अभियान के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों को चलाने के लिए धार्मिक, आध्यात्मिक संगठनों के सहयोग से भारत को नशीली दवाओं के प्रति संवेदनशील बनाने में बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस्कॉन के साथ यह समझौता ज्ञापन युवाओं, महिलाओं, छात्रों आदि के बीच नशा मुक्त भारत अभियान का संदेश फैलाने में मदद करेगा। उन्होंने इस्कॉन से अपनी सभी बैठकों और सभाओं में अभियान का प्रचार करने को कहा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय देश भर में 550 से अधिक स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से उचित उपचार, प्रचार-प्रसार, समाज तक पहुंचने और उन्हें जागरूक करने के लिए लगातार कार्यक्रम चला रहा है।

डाॅ. कुमार ने कहा कि मंत्रालय ने नवचेतना मॉड्यूल विकसित किया है, जो स्कूली छात्रों के बीच जीवन कौशल और नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर जागरूकता और शिक्षा बढ़ाएगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य न केवल स्कूली बच्चों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की शुरुआत को धीमा करना है बल्कि इसे हमेशा के लिए रोकना भी है। इसके अतिरिक्त, नवचेतन पर प्रशिक्षण सामग्री का 12 क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है। शिक्षकों की सहायता के लिए प्रत्येक मॉड्यूल दीक्षा पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करने के लिए भी उपलब्ध होगा।

उन्होंने कहा कि इस मंत्रालय ने एक वर्ष में नवचेतना मॉड्यूल के माध्यम से 300 जिलों, 30,000 स्कूलों, 10 लाख शिक्षकों और 2.4 करोड़ छात्रों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है।